हृदय रोग के लिए बेहद जरूरी हैं Vitamin K का सेवन…

हृदय शरीर का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। मानवों में यह छाती के मध्य में, थोड़ी सी बाईं ओर स्थित होता है और एक दिन में लगभग एक लाख बार एवं एक मिनट में 60-90 बार धड़कता है। आज के समय में जीवनशैली में खराबी, खान-पान में पौष्टिकता की कमी, शारीरिक निष्क्रियता और धूम्रपान जैसी आदतों के चलते लोगों को बहुत ही कम उम्र में हृदय रोगों की समस्याएं घेर लेती हैं। बहुत सारे लोग ये मानते हैं कि पुरुषों को 40 वर्ष के बाद और महिलाओं को 45 वर्ष की उम्र के बाद हार्ट अटैक (Heart Attack) होता है। जबकि हार्ट अटैक होने की कोई उम्र नहीं है। दिल का दौरा किसी को कभी भी हो सकता है।

हृदय रोगों का इलाज ढूंढ रहे शोधकर्ताओं ने हालिया अध्ययन में बड़ा दावा किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि विटामिन-के का सेवन करने वाले लोगों में एथेरोस्क्लेरोसिस से संबंधित हृदय रोग (हृदय या रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाली स्थिति) का खतरा कम होता है।

एथेरोस्क्लेरोसिस, धमनियों की दीवारों और इसके भीतर फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण का कारण बनती है, जिसके कारण लोगों को हृदय रोगों से संबंधित समस्या हो सकती है।

‘जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन’ में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि विटामिन-के का सेवन हृदय संबंधित समस्याओं के खतरे को कम करने में सहायक है। दैनिक जीवन में कई सारे आहार से विटामिन-के आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने 50,000 से अधिक लोगों के डेटा की जांच की। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने जानने की कोशिश की, कि क्या विटामिन-के युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने वाले लोगों को एथेरोस्क्लेरोसिस से संबंधित हृदय रोग का कम कम हो सकता है?

अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि विटामिन के1 (Vitamin K1) वाले आहार का अधिक सेवन करने वाले लोगों में एथेरोस्क्लेरोसिस से संबंधित हृदय रोग के कारण अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 21% तक कम हो सकता है। वहीं विटामिन के2 (Vitamin K2) का सेवन इस खतरे को 14% तक कम कर सकता है।

आहार से कैसे प्राप्त करें विटामिन

विशेषज्ञों के मुताबिक खाद्य पदार्थों से दो प्रकार के विटामिन-के प्राप्त किए जा सकते हैं। पहला-विटामिन के1 (Vitamin K1) जो मुख्यरूप से हरी पत्तेदार सब्जियों और वनस्पति तेलों से प्राप्त होता है और विटामिन के2 (Vitamin K2) मांस, अंडे और पनीर जैसे किण्वित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। आहार विशेषज्ञों के मुताबिक दैनिक भोजन से Vitamin K1 और K2 दोनों ही आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं। पका हुआ पालक और सरसो की साग, पके हुए काले, पका हुआ चुकंदर या शलजम का साग, ब्रोकली, पकी हुई पत्ता गोभी, सूखी तुलसी और सोयाबीन के तेल को विटामिन के1 से पूर्ण माना जाता है। वहीं विटामिन के2 के लिए चिकन, मांस, ब्लू चीज, पनीर, फुट फैट मिल्क आदि का सेवन किया जा सकता है।

शोधकर्ता और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक डॉ निकोला बॉन्डोनो कहते हैं, विटामिन-के (Vitamin K) का सेवन अधिक करने वाले लोगों में एथेरोस्क्लेरोसिस और अन्य प्रकार की कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा बेहद कम होता है। लोगों के मौजूदा आहार को देखें तो उनमें विटामिन के1 (Vitamin K1) की मात्रा तो अधिक होती है लेकिन विटामिन के2 (Vitamin K2) की अक्सर कमी रह जाती है। हालांकि अध्ययन में इन दोनों को हृदय रोगों से सुरक्षा देने में लाभकारी पाया गया है।

शोधकर्ता बताते हैं, विटामिन-के (Vitamin K) शरीर की प्रमुख धमनियों में कैल्शियम के निर्माण को रोकने में सहायक हो सकता है, यह अनावश्यक निर्माण ही हृदय रोगों के खतरे को बढ़ा देती हैं, हालांकि हमें इस प्रक्रिया को पूरी तरह से समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता डॉ जेमी बेलिंग कहते हैं दुनियाभर में हृदय रोग मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। यह अध्ययन इस खतरनाक रोग के खतरे को कम करने में विटामिन-के के महत्व के बारे में बताती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों को इस बारे में ध्यान देने की आवश्यकता है।

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