जम्मू की स्वर्ण गुड़िया बोलीं- जब भेदा था सोना, तो लहराया तिरंगा,भर आई थीं आंखे
जम्मू की स्वर्ण गुड़िया तीरंदाज शीतल देवी ने पैरा एशियाई खेलों में इतिहास रचा है। चीन के हांग्जो में चौथे एशियाई पैरा खेलों में शीतल ने तीन पदक जीते। इनमें दो स्वर्ण और एक रजत शामिल है। शीतल पैरा एशियन गेम्स में दो स्वर्ण पदक जीतने वालीं पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं।
अपने गृह प्रदेश जम्मू कश्मीर लौटने पर शीतल ने बताया कि जब उन्होंने अपने देश के लिए पहला पदक जीता तो वो पल उनके लिए बहुत ही भावुक था। शीतल ने कहा जब मेडल जीतने पर सबसे पहले उन्होंने अपनी कोच मैम को गले लगाया। उनके दूसरे कोच वहां नहीं थे, जिसकी कमी वहां उन्हें खली। शीतल ने कहा कि आज स्वागत कार्यक्रम के दौरान भी एक कोच यहां नहीं है। इस जीत का श्रेय उनके दोनों कोच को ही जाता है, जिन्होंने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
पैरा तीरंदाज ने कहा, ‘तीन पदक जीतने के बाद मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ। जब मैंने तीरंदाजी शुरू की, तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं यह कर सकता हूं। मेरे कोच ने मुझे बहुत प्रेरित किया और मुझे विश्वास दिलाया कि मैं तीरंदाजी कर सकती हूं। आज मैंने अपने देश को तीन पदक दिलाए और मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।’
एशियाई पैरा खेलों में शीतल ने महिला टीम में रजत, मिश्रित टीम में स्वर्ण और महिला एकल कंपाउंड ओपन स्पर्धा में स्वर्ण अपने नाम किया। महिला एकल स्पर्धा में शीतल देवी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सिंगापुर की अलीम नूर सियाहिदाह को हराया। यह एक करीबी मुकाबला था क्योंकि अलीम नूर ने अपनी सटीकता से पहले तीन सेटों में एक अंक की बढ़त ले ली। पहले तीन सेटों की समाप्ति के बाद अंतिम दो सेट शेष रहते हुए उसने तीन अंकों की बढ़त बना ली।
शीतल ने गेम जीतने के लिए बैक-टू-बैक परफेक्ट स्कोर बनाए, लेकिन अलीम नूर कुछ शॉट्स में निशान से चूक गईं। अंत में वह 144-142 के कुल स्कोर के साथ शीतल विजयी हुई।
भारत ने अपने पैरा एशियाई खेलों के अभियान को कुल 111 पदकों के साथ समाप्त किया, जिसमें 29 स्वर्ण, 31 रजत और 51 कांस्य शामिल हैं। भारत एथलेटिक्स में 18 स्वर्ण, 17 रजत और 20 कांस्य के साथ 55 पदक जीतकर पदक तालिका में पांचवें स्थान पर रहा।