बूढ़ी मां को मारपीट कर घर से निकलने पर फंसे बहू-बेटे, कुछ इस तरह दर्ज हुआ का पहला मुकदमा
मां के साथ मारपीट कर घर से निकालने पर पुलिस ने आरोपी बहू-बेटे के खिलाफ माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस का दावा है कि प्रदेश में इस अधिनियम के तहत दर्ज होने वाला यह पहला मुकदमा है।
थानाध्यक्ष दीपक कठैत ने बताया कि गांव बहादरपुर जट की रहने वाली गामी देवी (80) के पति बलवंत का कई वर्ष पहले निधन हो गया था।
गामी देवी के तीन बेटे हैं, लेकिन वह बेटे मांगे राम के साथ रहती है। शनिवार सुबह मांगे राम और उसकी पत्नी ने पहले उसके साथ मारपीट की और फिर उसे घर से निकाल दिया।
दो बेटों की भूमिका की भी जांच की जा रही है
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और वृद्धा को अभिरक्षा में लेते हुए आरोपी मांगे राम और उसकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
वृद्धा के अन्य दो बेटों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। थानाध्यक्ष ने बताया कि इस अधिनियम के तहत तीन महीने की जेल और पांच हजार रुपये अर्थदंड का प्रावधान है।
एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को तात्कालिक राहत प्रदान करने और इंसाफ दिलाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
बुजुर्गों से संपर्क कर उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से निस्तारण करें
कृष्ण कुमार वीके ने कहा कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जो लालच या अपने कर्तव्यों का निर्वहन न करते हुए माता-पिता की उपेक्षा करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सभी कोतवाली और थाना प्रभारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे वरिष्ठ नागरिक रजिस्टर अपडेट करें। बुजुर्गों से संपर्क कर उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से निस्तारण करें।
एसपी देहात मणिकांत मिश्रा ने बताया कि मंगलौर क्षेत्र के एक गांव में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। दो बेटे माता-पिता को अपने साथ नहीं रखना चाहते थे। तीसरे बेटे ने जब सहारा दिया तो दोनों भाई उसके साथ मारपीट करने लगे। उसके बाद दोनों भाइयों को बुलाकर हिदायत दी गई। तब जाकर मामला निपटाया गया।