गंजेपन का सटीक इलाज है ये एक चीज, विज्ञान ने भी माना लोहा

आज के बदलते लाइफस्टाइल और भागदौड़ की जिंदगी में कम उम्र में भी हमारे सर से बालों का गायब होना आम बात हो चुका है. ऐसे में आज हम जो खबर लेकर आए हैं वो आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं साबित होने वाला है. अगर आप भी गंजेपन के शिकार हो रहे हैं तो ये खबर निश्चित रूप से आपके लिए ही है.

अगर फंगस, डैंड्रफ या किसी फफूंद की वजह से आपके सर से बाल झड़ रहे हैं या यूं कहें कि आप दिन-ब-दिन टकले होते जा रहे हैं तो अब आप की निराशा दूर समझिये. अर्थववेद की चरक संहिता में गंजेपन के लिए बहुत ही सटीक इलाज बताया गया है जो बीते कई सालों से लगातार लोगों पर आजमाया जा रहा है और इसके परिणाम पूरी तरह से मिलते हैं. अर्थवेद में बताए गए गंजेपन के सटीक इलाज को विज्ञान ने भी स्वीकार किया है.

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अर्थवेद में बालों की समस्या से निजात पाने के लिए जो सटीक उपाय बताया गया है उसे आज के समय में जोक थेरेपी के नाम से जाना जाता है.

जोंक थेरेपी को विज्ञान की भाषा में कहें तो लीच थेरेपी के नाम से जाना जाता है. गंजेपन का सटीक इलाजगंजेपन से परेशान व्यक्ति के लिए ये उपाय सबसे ज्यादा कारगर साबित हुई है. ये जोंक थेरेपी कोई नई नहीं है, बल्कि इस थेरेपी का प्रयोग लगभग 2,000 सालों से भी अधिक से निरंतर चला आ रहा है.

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये जोंक थेरेपी होता कैसे है ? तो हम आपको बता दें कि जोक थेरेपी के अंतर्गत जो प्रक्रिया किए जाते हैं उसमें जोंक को आपके सर पर डाल दिया जाता है. ऐसे में आपके सिर में जितने भी दूषित खून होते हैं उसे हो जोंक चूस लिया करता है. अगर आपके सिर में फंगस या फफूंद है जिसकी वजह से बालों के रोम छिद्र बंद हो जाया करते हैं, जड़े कमजोर हो जाती है और परिणाम के तौर पर आपके बाल झड़ने लग जाते हैं. ऐसे में सर पर डाले गए जोंक उन सारे फंगसों को खा जाया करता है और फिर आपका सिर पूरी तरह से साफ-सुथरा हो कर फंगस मुक्त हो जाता है.

अब जबकि आपका सिर पूरी तरह से फंगस मुक्त होकर साफ हो जाता है तो आपके सिर का रक्त संचार बढ़ जाता है जिसकी वजह से नए सिरे से बालों के रोम छिद्र खुल जाते हैं और नए बाल उगने शुरू हो जाते हैं.

 आपके सिर पर इस जोंक को लगभग आधे घंटे तक के लिए रखा जाता है इसके बाद जोंक के मुंह पर हल्दी डालकर उसे आपके सिर से अलग कर दिया जाता है और फिर उस जोंक का इस्तेमाल अगले 6 महीने तक नहीं होता है और ना ही उस जोंक का इस्तेमाल किसी दूसरे के थेरेपी के लिए किया जाता है. इस थेरेपी को करने के दौरान और करने के कुछ समय बाद तक किसी भी तरह के साबुन के इस्तेमाल करने पर मनाही रहती है.

अर्थवेद और आयुर्वेदिक ग्रंथों में जोंक थेरेपी के अलावा बालों के लिए और भी कई उपाय बताए गए हैं जिसमें आप गंजेपन से छुटकारा पाने के लिए प्याज़ या फिर लहसुन के जूस का भी प्रयोग कर सकते हैं. इससे आपके सर में मौजूद फंगस खत्म हो जाते हैं. रक्तसंचार अच्छा होता है और नए बाल उगने लग जाते हैं. 

तो दोस्तों अगर आप भी गंजेपन के शिकार हो गए हैं या होते जा रहे हैं तो इस जोंक थेरेपी को अपनाकर नए सिरे से नए बाल उगाकर फिर से घने, मुलायम और काले बाल पा सकते हैं.

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