दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच ट्रांसफर-पोस्टिंग वाला विवाद अभी तक नहीं थमा…

दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच ट्रांसफर-पोस्टिंग वाला विवाद अभी तक थमा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी दोनों पक्षों में मतभेद कायम है। सेवा सचिव को बदलने का आदेश जारी कर चुकी आम आदमी पार्टी की सरकार ने एलजी वीके सक्सेना को खत लिखकर इसे मंजूर करने की अपील की है। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को एलजी के नाम लेटर लिखा और कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे मंजूरी दी जानी चाहिए। सौरभ भारद्वाज ने एलजी को लेटर में लिखा कि सेवा सचिव को बदलने का प्रस्ताव उन्हें दो दिन पहले भेजा गया था। उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निर्वाचित सरकार प्रशासनिक बदलाव करना चाहती है, जिसके लिए सेवा सचिव को बदलना महत्वपूर्ण है। इसकी वजह से बहुत से काम रुके हुए हैं।’

लेटर में आगे कहा गया है, ‘सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठों ने अपने दो फैसलों में कहा है कि माननीय एलजी को दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में डिफरेंस ऑफ ओपिनियन शक्ति का इस्तेमाल करना चाहिए। सेवा सचिनव को बदलना बहुत रूटीन मामला है और इस शक्ति के इस्तेमाल के लिए सही मामला नहीं है।’ उन्होंने यह भी कहा कि 2018 का सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहता है कि फाइलों को मंजूरी के लिए एलजी को नहीं भेजना चाहिए, सिर्फ उन्हें फैसलों की जानकारी देनी चाहिए। हालांकि, एनसीटीडी एमेंडमेंट ऐक्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। उन्होंने लिखा, ‘अब हमें सभी रूटीन फाइलों को एलजी को भेजना होता है। इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। मैं आपसे अपील करता हूं कि सेवा सचिव को बदलने के फाइल को जल्दी पास करें।’

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