कोर्ट ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल के अधिकारियों को याचिकाकर्ता छात्रा के आवेदन पर लिपिकीय त्रुटि को सुधारने का जारी किया निर्देश

Chhattisgarh High Court News: लिपिकीय त्रुटि व मानवीय भूल को कारण बताते हुए याचिकाकर्ता छात्रा ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल व माध्यमिक शिक्षा मंडल के अफसरों से जन्मतिथि में सुधार की मांग को लेकर आवेदन भी पेश किया था। अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। लिपिकीय त्रुटि के काण जन्मतिथि में एक वर्ष का अंतर आ गया है। इसके बाद भी अधिकारियों ने आवेदन पर विचार नहीं किया। परेशान छात्रा को हाई कोर्ट की शरण लेने पड़ी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल के अधिकारियों को याचिकाकर्ता छात्रा के आवेदन पर विचार करने और लिपिकीय त्रुटि को सुधारने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने 60 दिन के भीतर मामले का निराकरण का निर्देश दिया है।

गौरी वर्मा ने अधिवक्ता एसबी पांडेय के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में मामला दायर कर कहा है कि टेट (टीईटी) परीक्षा 2020 पास की थी उसके पहले टीईटी परीक्षा के लिए आनलाइन फार्म भरने के समय उसने भूलवश अपनी जन्मतिथि 12 मार्च 1993 अंकित कर दी, जबकि वास्तविक जन्मतिथि 12 मार्च 1994 है। उक्त गलती के कारण टेट परीक्षा के मार्कशीट में भी जन्मतिथि 12 मार्च 1993 छपकर आ गई।

उक्त गलती को सुधरवाने के लिए उसने व्यवसायिक परीक्षा मंडल के समक्ष संबंधित दस्तावेज पेश किया था, जिसमें उसकी स्कूल शिक्षा, आधार कार्ड आदि अन्य दस्तावेज सहित आवेदन था। इसमें उसने इस बात की जानकारी भी दी थी कि उक्त गलत जन्मतिथि की प्रविष्टि लिपिकीय त्रुटिवश हो गई है जिसमें सुधार किया जाए। लेकिन परीक्षा मंडल ने कोई कार्यवाही नहीं की।

मामले की सुनवाई जस्टिस पी सेम कोशी के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता, राज्य शासन एवं व्यावसायिक परीक्षा मंडल के अधिवक्ता ने अपना-अपना तर्क रखा। इसमें बताया गया कि याचिकाकर्ता संबंधित प्राधिकारी के पास अपनी शिकायत के संबंध में पर्याप्त दस्तावेज के साथ उपस्थित होकर अपना पक्ष रखे। इसके आधार पर उसकी जन्मतिथि को सही अंकित किया जा सकता है।

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