कांग्रेस से इस्तीफा ले चुके हार्दिक पटेल ने की आम आदमी पार्टी जी तारीफ, बीजेपी को बताया… 

कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हार्दिक पटेल ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि वो किस पार्टी का रुख करेंगे. लेकिन इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बीजेपी को एक विकल्प बताया और साथ ही आम आदमी पार्टी में जाने की संभावना से भी साफ इनकार नहीं किया. उन्होंने आम आदमी पार्टी की तारीफ करते हुए कहा कि आप एग्रेसिव होकर काम कर रही है. उसकी रणनीति कांग्रेस से बेहतर है. फिर भी गुजरात में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव एकतरफा ही रहने वाले हैं. हार्दिक ने तीसरा मोर्चा खड़ा करने की संभावना से साफ इनकार कर दिया.

‘कांग्रेस सीन में नहीं, AAP एग्रेसिव’
गुजरात के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर हार्दिक पटेल ने दावा किया कि ये चुनाव एकतरफा ही होंगे. कांग्रेस इसके सीन में कहीं नहीं है. असदुद्दीन औवेसी सीन में आ चुके हैं, तो कांग्रेस के वोट उधर जाएंगे. आम आदमी पार्टी एग्रेसिव तरीके से आगे बढ़ रही है, लेकिन वो इस बार चुनौती नहीं दे पाएगी. हां, अगले चुनावों में वो जरूर मजबूत होकर सामने आ सकती है. आप और कांग्रेस की रणनीति की तुलना करते हुए हार्दिक ने कहा कि कांग्रेस के सभी नेता एक ही जगह जाते हैं, सौराष्ट्र, सूरत, वडोदरा (जहां कांग्रेस के चिंतन शिविर हुए थे) जबकि आप के नेता चारों कोनों को एक दिन में कवर कर रहे हैं. आप की रणनीति निश्चित रूप से कांग्रेस से बेहतर है. उसके राष्ट्रीय नेता छोटी-छोटी बातों को लेकर भी मीडिया की सुर्खियों में रहते हैं. आम आदमी पार्टी में जाने की संभावना पर हार्दिक ने कहा कि हो सकता है, लेकिन कोई प्लान नहीं है. मैं किधर जाऊंगा, इस बारे में मैं अपने दोस्तों और शुभचिंतकों से बात करूंगा, फिर जो लोगों को भले के लिए होगा, वो करूंगा.

फिर बीजेपी की तारीफ की
बीजेपी की एक बार फिर तारीफ करते हुए हार्दिक ने कहा कि गुजरात के लोगों ने पिछले 30 सालों में सिर्फ तीन-चार मुद्दों को लेकर ही वोट किया है. वो बीजेपी को विकास, शांति और सुरक्षा देने वाली पार्टी के तौर पर देखते हैं. दूसरा ये कि इस सरकार में करप्शन नहीं है. छोटी-मोटी रिश्वतखोरी की खबरें तो आती हैं, लेकिन पिछले 30 साल में गांधीनगर में किसी विभाग में बड़ा मामला नहीं आया है. कांग्रेस के विरोध में सबसे बड़ी बात ये है कि उसका कोई चेहरा ही नहीं है. जब भी विधानसभा चुनाव आते हैं, गुजरात अस्मिता का मुद्दा जोर पकड़ जाता है. नरेंद्र भाई गुजरात के हैं. 2017 में विजयभाई बीजेपी का चेहरा थे. अब भूपेंद्र भाई हैं. कांग्रेस का चेहरा कौन है? चलो मान भी लें कि (सीएम) चेहरा सामने न रखना आपकी (कांग्रेस की) स्ट्रेटजी है, लेकिन आप पिछले 30 साल से वही पांच चेहरे सामने रख रहे हैं, नतीजा क्या है, सबको पता है.

आगामी चुनाव में अपनी भूमिका के बारे में
2022 के आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी भूमिका के बारे में हार्दिक ने इंटरव्यू में ज्यादा खुलकर नहीं बताया, लेकिन कहा कि मेरी अहम भूमिका रहेगी. क्या भूमिका रहेगी, ये समय आने पर पता चल जाएगा. बीजेपी में जाने के विकल्प पर हार्दिक ने कहा कि ये विकल्प क्यों नहीं होना चाहिए. कोई ऑफर मिलने के सवाल पर हार्दिक ने कहा कि ऑफर और मोलभाव कमजोर लोग करते हैं. मजबूत लोग अपनी जगह खुद बना लेते हैं. क्या आप अपने खिलाफ केस वापस लिए जाने की शर्त पर बीजेपी में जाएंगे? इस सवाल पर हार्दिक ने कहा कि ये मेरे नहीं, समुदाय के लोगों के खिलाफ केस है. उनकी वजह से ही गुजरात में लाखों और देश में करोड़ों लोगों को 10 फीसदी रिजर्वेशन मिल पाया है. सभी केस वापस लिए जाने चाहिए. इसकी जिम्मेदारी मेरे ऊपर है.

‘कांग्रेस मीठा बोलती है, पर भरोसे लायक नहीं’
कांग्रेस छोड़ने की बात पर हार्दिक ने एक्सप्रेस से कहा कि मैंने महसूस किया कि अगर आप आंदोलनकारी और सोशल वर्कर हैं तो कांग्रेस आपसे कहेगी कि वाह, हमें आपके जैसे लोगों की ही जरूरत है. वो मीठा बोलते है. मेरा ही मामला लीजिए, 2015 से 2018 तक वो मेरे पास आते रहे, पूछते रहे कि क्या करना चाहिए. जब मैंने कांग्रेस जॉइन कर ली, तो सब मुझे भूल गए, यहां तक कि मुझे कंपटीटर माना जाने लगा. उन्होंने मुझे वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया, लेकिन क्या ये पद सिर्फ लॉलीपॉप देने के लिए होता है. उन्होंने कहा कि जब मेरे पिता की मौत हुई थी, तब कांग्रेस से कोई भी मुझसे मिलने नहीं आया. तभी मुझे लग गया था कि ये लोग भरोसे के लायक नहीं हैं. मेरे खिलाफ 32 केस हैं, कांग्रेस ने कभी नहीं सोचा कि उन्हें लड़ने के लिए मुझे वकील भी दे दें

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