AI के साथ बदलेगा आने वाला कल, शिक्षा-स्वास्थ्य क्षेत्र में होंगे बड़े बदलाव

22 जुलाई को हो रहे इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने के बाद से सभी कौशल स्तरों के श्रमिकों पर प्रभाव पड़ा है। एआई को इस संदर्भ में अनिश्चितता की एक बड़ी छाया माना गया है। संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में कहा गया है कि नए युग की यह टेक्नोलॉजी प्रोडक्टिविटी को बढ़ावा देने के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में रोजगार में बाधा उत्पन्न करने की क्षमता रखती है।

एआई के साथ पूरी तरह बदल जाएगा काम करने का तरीका
सर्वेक्षण में एआई को “इनोवेशन की तीव्र गति और प्रसार में आसानी के कारण अभूतपूर्व” बताया गया, लेकिन साथ ही आगाह भी किया गया कि इससे कामकाज करने का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा।

इसमें कहा गया है, ” एआई के आने से सभी लो, सेमी और हाई सभी स्किल वर्कर पर इसका प्रभाव पड़ा है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि काम के भविष्य के लिए सबसे बड़ी बाधा एआई में तेजी से होने वाली वृद्धि है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में क्रांति लाने के लिए तैयार है।

भारत भी इस बदलाव से अछूता नहीं रहेगा
इसमें कहा गया है, “भारत भी इस बदलाव से अछूता नहीं रहेगा। एआई को बिजली और इंटरनेट की तरह जनरल पर्पस टेक्नोलॉजी के रूप में मान्यता दी जा रही है, जो अपने इनोवेशन की तीव्र गति और प्रसार में आसानी के मामले में अभूतपूर्व है। जैसे-जैसे एआई सिस्टम स्मार्ट होता जाएगा और इसे टेक्नोलॉजी को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ती जाएगी, काम का भविष्य भी नया रूप लेगा।”

एआई ट्यूटर्स से बदलेगा शिक्षा का रूप
रिपोर्ट में कहा गया है, एआई के साथ रूटीन टास्क जिसमें कस्टमर सर्विस भी शामिल है, को लेकर ऑटोमेशन होता नजर आएगा। क्रिएटिव सेक्टर में भी एआई टूल्स का इमेज और वीडियो क्रिएशन के लिए जमकर इस्तेमाल होता दिखेगा। पर्सनलाइज्ड एआई ट्यूटर्स शिक्षा को एक नया रूप दे सकते हैं और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में दवाओं की खोज में तेजी देखी जा सकती है।

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