फीफा विश्व कप 2018 : फाइनल में पहुंचने के लिए बेल्जियम-फ्रांस में जंग, जानें किस टीम का पलड़ा है भारी

सेंट पीटर्सबर्गः राबर्टाे मार्टिनेज की बेल्जियम 21वें फीफा विश्वकप में बतौर शीर्ष स्कोरर सेमीफाइनल में पहुंची है जहां वह मंगलवार को अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी फ्रांस की चुनौती को तोड़ते हुए फाइनल का टिकट कटाने उतरेगी जो इस बार ऊंचे आत्मविश्वास के साथ बड़े उलटफेर की तैयारी में है। बेल्जियम ने विश्वकप के पांच मैचों में 14 गोल किये हैं और ब्राजील के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में मिली 2-1 की जीत में उसने सबसे अधिक प्रभावित किया। रोमेलू लुकाकू, ईडन हेजार्ड और केविन डी ब्रुएन ने आक्रामक प्रदर्शन की बदौलत पांच बार की चैंपियन को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया।  फाइनल में पहुंचने के लिए बेल्जियम-फ्रांस में जंग, जानें किस टीम का पलड़ा है भारी

इससे उलट फ्रांस की टीम ने ग्रुप चरण में आस्ट्रेलिया और पेरू के खिलाफ जीत दर्ज की और डेनमार्क से 0-0 से ड्रॉ खेलकर नॉकआउट में जगह बनाई। हालांकि खिताब की दावेदारों में एक और गत उपविजेता अर्जेंटीना के खिलाफ उसकी अंतिम-16 में 4-3 की रोमांचक जीत ने फ्रांस के आत्मविश्वास को आसमान तक पहुंचाया है। डिडियर डीशैंप्स का मैच में संयोजन लगातार काम कर रहा है और अर्जेंटीना के खिलाफ काइलन एमबापे का हीरो जैसा प्रदर्शन सेमीफाइनल में बेल्जियम को जरूर याद रखना होगा। क्वार्टरफाइनल मुकाबले में फ्रांसीसी टीम ने इसी लय को बरकरार रखते हुये उरूग्वे को 2-0 से आसानी से हराया और मैच पर शुरूआत से ही नियंत्रण रखा।

बेल्जियम के लिए हालांकि नॉकआउट राउंड में जापान के खिलाफ मुकाबला उसके लिये एक सबक की तरह रहा जहां उसे एशियाई टीम ने लगभग टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था। इस मैच में अनुभवी टीम ने आखिरी मिनट में 3-2 से जीत अपने नाम करते हुये सबसे बड़ा उलटफेर टाल दिया लेकिन कोच मार्टिनेज का अपने सीनियर खिलाड़ियों को इस मैच में आराम देने का निर्णय उसपर उलटा पड़ गया। बेल्जियम ने जापान के खिलाफ मैच में खराब शुरूआत की और अनुभवी खिलाड़ियों के बाहर होने की वजह से टीम शुरूआत में 0-2 से पिछड़ गई। 

मार्टिनेज ने हालांकि स्थिति संभालते हुये मारूने फेलानी और नासेर चादली को 65वें मिनट में उतारा जिन्होंने आखिरी मौके पर बेल्जियम को संभालते हुए मैच में वापसी करा दी। चाडली ने मैच की आधिकारिक रूप से आखिरी किक पर विजयी गोल दागा और जापान को एक गोल के अंतर से बाहर कर दिया। ब्राजील के खिलाफ भी क्वार्टरफाइनल में मार्टिनेज ने अपनी रणनीति से चौंकाया और लुकाकू की जगह डी ब्रुएन को‘फाल्स नाइन’की शुरूआत का मौका दे दिया। यह रणनीति काम कर गयी और डी ब्रुएन ने रूस में अपना पहला गोल दाग दिया। 

सेंट पीटर्सबर्ग स्टेडियम में मंगलवार को लेकिन प्रशंसक और विशेषज्ञ किसी एक टीम का दबदबा नहीं मान रहे हैं और उम्मीद है कि बेल्जियम और फ्रांस के बीच मुकाबला कांटे का होगा। फ्रांस के डिफेंडर बेंजामिन पवार्ड ने कहा, ”दोनों ही टीमों के बीच बड़े खिलाड़ियों की मौजूदगी से इस मैच को रोमांचक माना जा रहा है। यह बड़े खिलाड़ियों का मैच होगा।” वर्ष 1998 का चैंपियन फ्रांस हालांकि सट्टेबाजों की नजर में थोड़ा पसंदीदा माना जा रहा है लेकिन यदि पुराने आंकड़ों पर नजर डालें तो यूरोपियन प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बेल्जियम का पलड़ा हमेशा ही भारी रहा है।

इस टीम का पलड़ा है भारी

अगर दोनों टीमों के बीच हुए अभी तक के मुकाबलों पर नजर डालें तो बेल्जियम का पलड़ा भारी नजर आता है। दोनों टीमों के बीच 73 मैचों में बेल्जियम ने अब तक 30 जीते हैं जबकि फ्रांस ने 24 में जीत दर्ज की है और दोनों के बीच 19 ड्रॉ रहे हैं। हालांकि यदि बेल्जियम अपने पहले विश्वकप फाइनल में पहुंचना चाहती है तो यह भी पहली बार होगा जब वह फीफा विश्वकप में फ्रांस को पहली बार हराएगी।  फ्रांस दूसरी ओर क्वार्टरफाइनल तक आसानी से पहुंचा है जहां उसकी टीम के सभी खिलाड़ी पूरी तरह से फिट हैं और डीशैंप्स के पास अगले अहम मुकाबलों में चुनने के लिए पूरी टीम उपलब्ध है जबकि बेल्जियम की स्थिति इस मामले में खराब है। फूल बैक थामस मियूनियर को ब्राजील के खिलाफ मैच में अपना दूसरा येलो कार्ड मिला था जिससे वह निलंबित हैं और मार्टिनेज उनकी जगह यानिक करासो को टीम में उतार सकते हैं। 

Back to top button