सेक्स के प्राचीन नियम, जिसे जानकर आप भी हो जाएगे हैरान…

हमारे प्राचीन भारत में यौन संबंधों पर खुलकर बात होती थी। यही कारण था कि सेक्स के सब्जेक्ट पर पहला ग्रंथ ‘कामसूत्र’ भारत में दूसरी सदी में ही लिख दिया गया था। लेकिन सेक्स के प्रति अनुशानसन भी कड़ा हुआ करता था, क्योंकि सेक्स ना सिर्फ शारीरिक बल्कि, मानसिक सुख से भी जुड़ा होता है।

सेक्स के प्राचीन नियम:

यदि महिला के पीरियड आरंभ होने के पहले 4 दिन में कोई पुरुष सेक्स करता है तो वो किसी न किसी रोग का शिकार हो सकता है। प्राचीन नियमों के मुताबिक, पीरियड में सेक्स नहीं करना चाहिए।

के मुताबिक, दिन के वक़्त और सुबह- शाम पूजा के वक़्त किसी स्त्री और पुरुष का मिलन नहीं होना चाहिए। ग्रहण, सूर्योदय, सूर्यास्त, निधन, श्रावस मास, नक्षत्र, दिवाकाल, भद्रा, श्राद्ध, अमावस्या में भी सेक्स न किया जाए।

प्राचीन दौर में किसी भी पुरुष और महिला को अपने पति या पत्नी के अलावा किसी अन्य के साथ सेक्स करने पर प्रतिबंध था। इसे अनैतिक काम समझा जाता था।

गर्भवती महिला को गर्भकाल यानि कि गर्भावस्था में सेक्स नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से संतान अपंग पैदा होने का खतरा रहता है।

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