इसलिए हुआ था श्री कृष्णा और भगवान शिव के बीच युद्ध, वजह बेहद चौकाने वाली…

श्री कृष्ण भगवान् विष्णु के परमवतार थे! श्री कृष्णा ने बाल रूप में कई असुरो का संहार किया है ये सारे असुर कंस के द्वारा भेजे गये थे जो बेहद शक्तिशाली और मायावी थे उनमें से कई असुरो का उद्धार श्री कृष्ण ने लिया , धरती पर जब जब भगवान् ने अवतार लिया तब तब उनका कोई न कोई प्रयोजन अवश्य होता था ! भगवान् ने कई असुरो का उध्दार किया वे हर समय हर वक्त बुराई के सामने खड़े रहे ! लेकिन ऐसा क्या हुआ की उन्हें स्वयं अपने आराध्य के सामने खड़ा होना पड़ा ऐसा क्या हुआ की उन्हें भगवान् शिव से युद्ध करना पड़ा ,भगवान् शिव बुराई के खिलाफ थे या श्री कृष्णा , आखिर क्यों इन दोनों देविय शक्तियों के मध्य युद्ध हुआ आईये जानते है –

देत्यराज बाली के कई सारे पुत्र थे उनके सबसे बड़े पुत्र का नाम बाणासुर था , बाणासुर अत्यंत शक्तिशाली था लेकिन उसे और अधिक शक्तिशाली बनने की इच्छा थी वो चाहता था दुनिया का कोई भी योध्दा उसे परास्त नही कर पाए इसके लिए उसने भगवान् शिव को अपने आराध्य बनाया और उनकी तपस्या में लीन हो गया ! बाणासुर की इस घोर तपस्या से भगवान् शिव प्रसन्न हो गये बाणासुर के मांगने पर शिव जी ने उसे शहस्त्र भुजाये और महाशक्ति का वरदान दिया और कहा की जब भी वो मुसीबत में पड़ेगा शिव जी उसकी मदद के लिए आयेंगे और उसकी रक्षा करेंगे ! हर असुर की तरह बाणासुर को अपनी शक्तियों पर घमंड होने लगा तब भोलेनाथ ने उसे प्रकट होकर चेतावनी दी की वो अपनी शक्तियों पर घमंड ना करे क्योकि उसकी यही शक्तिया उसके विनाश का कारण बनेगी जब उसका काल निकट होगा तब उसकी ये शक्तिया भी उसकी कोई भी या किसी तरह की रक्षा नही कर पाएगी !

बाणासुर का किसी कारणवश श्री कृष्णा के साथ बेर हो गया दोनों में महायुद्ध छिड गया अपने बचाव के लिए बाणासुर ने भगवान् शिव को पुकारा तब अपने दिए वचन का मान रखने के लिए भगवान् शिव को श्री कृष्णा के मध्य युध्द लड़ने आना पड़ा लेकिन बाणासुर की शक्तिया आखिरकार उसके विनाश का कारण बनी और अंत में उसकी समस्त शक्तिया बेकार साबित हुई उसका घमंड चूर चूर हो गया उसे अपनी गलती का अहसास हुआ उसने कृष्णा और भगवान् शिव सभी देवताओं से माफ़ी मांगी !

Back to top button