1996 बम धमाके का मास्टरमाइंड आतंकी अब्दुल करीम दोषी करार

सोनीपत: हरियाणा के सोनीपत शहर में वर्ष 1996 में हुए दो बम विस्फोट के मामले में आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को सोमवार को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया। इससे पहले सितंबर में हुई सुनवाई के दौरान टुंडा ने एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज डाॅ. सुशील गर्ग की कोर्ट में टुंडा ने अपने बयान में कहा था कि वह घटना के समय पाकिस्तान में था।आतंकी अब्दुल करीम टुंडा दोषी करार

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पिलखुवा का रहने वाला अब्दुल करीब टुंडा 1980 में कभी होम्योपैथिक दवाइयों की दुकान चलाता था। इसके बाद जब वह आतंकी संगठनों के संपर्क में आया तो न सिर्फ उसने अपनी दुकान को बंद कर दिया बल्कि भारत में आतंक फैलाने का भी काम किया। टुंडा पर दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद का करीबी होने के साथ-साथ 1996 से 1998 के बीच दिल्ली, पानीपत, सोनीपत, लुधियाना, कानपुर और वाराणसी में हुए बम धमाकों का मास्टरमाइंड होने का भी आरोप है।

हालांकि 2000 से 2005 तक माना जाता था कि टुंडा मर चुका है, लेकिन 2005 अब्दुल रजाक मसूद की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि टुंडा अभी भी जिंदा है। इसी बीच बाद एक बार खबर यह भी आई कि उसको केन्या में गिरफ्तार किया गया है, लेकिन बाद में केन्या की पुलिस ने कहा कि पकड़ा गया व्यक्ति टुंडा नहीं है।

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कहा यह भी जाता है कि एक बार वह कुछ नौसिखिए आतंकियाें को बम बनाना सिखा रहा था और उस दौरान धमाके में उसका एक हाथ उड़ गया था, जिसकी वजह से उसे टुंडा के नाम से जाना जाने लगा। 1997 के दौरान वह कराची, केन्या और पश्चिम एशिया के देशों में जाता रहा है। बीते कुछ दशक में वह बांग्लादेश और पाकिस्तान में अपनी भूमिका दर्ज कराता रहा है। अब्दुल करीम टुंडा को लश्कर-ए-तैयबा का बम एक्सपर्ट अब्दुल करीब टुंडा भारत में हुई कई हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

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