मुल्लापेरियार बांध मामला: PM मोदी के दखल से तमिलनाडु और केरल के बीच खत्म हुआ तनाव

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि समय रहते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के हस्तक्षेप के चलते मुल्लापेरियार बांध को लेकर तमिलनाडु और केरल के बीच चल रहा तनाव खत्म हो गया है. विजयन ने मीडिया को बुधवार को बताया कि मुल्लापेरियार बांध के कैचमेंट एरिया में तेज़ बारिश के कारण पानी का स्तर बढ़कर 142 फीट पहुंच गया.

पानी का स्तर बढ़ने के साथ ही बांध का गेट तो खोल दिया गया लेकिन जितना पानी गेट खोलने की वजह से निकल रहा था उससे कहीं ज़्यादा पानी पीछे से आ रहा था. इस कारण से लगातार चिंता बढ़ रही थी. विजयन ने कहा कि परिस्थिति को देखते हुए हमारे मुख्य सचिव ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव से बात की. हम यह बात पीएम मोदी और राजनाथ सिंह को बताई तो उन्होंने मामले में हस्तक्षेप किया जिसके बाद मामला सुलझ गया और अब बांध में जितना पानी आ रहा है उतना ही जा रहा है.

सालों से मुल्लापेरियार बांध का मुद्दा केरल और तमिलनाडु के बीच झगड़े की जड़ रहा है और मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है. हालांकि ये बांध केरल में है लेकिन ये हमेशा से तमिलनाडु द्वारा ऑपरेट किया जाता रहा है. केरल ने बांध में लीकेज होने का हवाला देकर इसे बंद करने की मांग की थी.

लेकिन तमिलनाडु सरकार ने कहा कि बांध पूरी तरह से सुरक्षित है सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में बांध की ऊंचाई को 136 फीट से बढ़ाकर 142 फीट किए जाने की अनुमति दे दी थी. केरल और तमिलनाडु इस बांध को लेकर हमेशा एक-दूसरे के विरोध में रहे हैं. बता दें कि इस बांध का निर्माण 1886 में त्रावणकोर के महाराज और अंग्रेज़ों के बीच एक समझौते के तहत हुआ था.

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