शाहजहांपुर में PM मोदी ने कहा- ‘दल दल’ अधिक हो गया है, अब तो ज्यादा कमल खिलेगा

शाहजहांपुर। अविश्वास प्रस्ताव जीतने के ठीक एक दिन बाद आम जनता से सीधे मुखातिब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद की रही सही कसर शाहजहांपुर में पूरी कर दी। वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत संपूर्ण विपक्ष पर बरसे लेकिन, मुख्य निशाने पर कांग्रेस रही। मोदी ने कहा, देश की जनता ने हम पर विश्वास किया लेकिन, कुछ दलों को मोदी पर विश्वास नहीं है। मैंने पूछा कि, ‘अविश्वास का कारण क्या है। वे जवाब नहीं दे पाये तो गले पड़ गये।’ हम उन्हें समझा रहे थे कि लोकतंत्र में जनादेश सबसे ऊपर है। हमने कहा, जनता से उलझना ठीक नहीं है, मगर उन पर तो मोदी को हटाने का भूत सवार था। शनिवार को प्रधानमंत्री शाहजहांपुर में किसान कल्याण रैली को संबोधित कर रहे थे।शाहजहांपुर में PM मोदी ने कहा- 'दल दल' अधिक हो गया है, अब तो ज्यादा कमल खिलेगा

भीड़ से मोदी-मोदी के नारे 

अपनी हर बात पर मोदी ने उमड़ी भीड़ का समर्थन लिया। भीड़ मोदी-मोदी के नारे लगा रही थी। संसद में राहुल गांधी के गले मिलने से लेकर विपक्षी एका की खिल्ली उड़ाते हुए मोदी ने कहा कि एक दल नहीं, दल के साथ दल मिल गये। जब दल के साथ दल मिलता है तो दलदल हो जाता है। जितना ही ज्यादा दलदल होगा कमल खिलाने का उतना ही नया अवसर मिलेगा। मोदी यहीं नहीं रुके। बोले फ्लोर टेस्ट में उनके (कांग्रेस) आंकड़े जितने छोटे थे, उससे छोटा उनका आचरण था। मोदी ने चेतावनी भी दी। कहा-वक्त बदल चुका है। अब उनका अहंकार एक पल भी सहने को जनता तैयार नहीं है। मोदी ने अपनी सरकार की लाभकारी योजनाओं को गिनाते हुए कहा- बताओ हम आपके घर में बिजली लेकर दौड़ रहे हैं और वे अविश्वास का कागज लेकर घूम रहे हैं। उन्होंने शाहजहांपुर और आसपास के जिलों से आये किसानों से हामी भरवाई। पूछा बताओ, कल जो संसद में हुआ क्या वह ठीक था।

विपक्षी सरकारों को घेरा

भीड़ के बीच से मोदी के समर्थन में नारे गूंजे तो वह बोल पड़े- आपको पता चल गया न कि वह कुर्सी के लिए किस तरह दौड़ रहे हैं। उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी के सिवाय कुछ नहीं दिखता है। न गरीब दिखता, न किसान, न मजबूर। भीड़ से जवाब मांगा-‘आप बताओ मैंने अपने लिये क्या किया। मैं किसान और गरीब के लिए लड़ रहा हूं या नहीं।’ समर्थन के शोर में ही मोदी ने कहा कि मैं भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ रहा हूं। विपक्षी सरकारों को घेरते हुए मोदी ने यह भी कहा कि वे लोगों को लालबत्ती का डर दिखाते थे। सवाल किया- ‘मैंने लालबत्ती छीनकर ठीक किया या नहीं।’ जनता की आवाज गूंजी तो मोदी बोल पड़े- ‘आपने इतनी ताकत से जवाब दिया है। यह आवाज वहां तक पहुंच चुकी है।’ 

साइकिल हो या हाथी, चाहे जिसे बना लो साथी 

शाहजहांपुर और आस-पास के इलाके में 2014 में भले ही कमल खिला लेकिन, यहां कांग्रेस और समाजवादियों का ही प्रभाव रहा है। यहां मोदी ने विपक्ष पर वार किया-‘साइकिल हो या हाथी, चाहे जिसे बना लो साथी… स्वार्थ के खेल को देश समझ चुका है। यह खेल चलने वाला नहीं। यह सबसे बड़ा धोखा है।’ मोदी ने बिजली के मसले पर भी पूर्ववर्ती सरकारों को घेरा। कहा, बताओ कांग्रेस, समाजवादियों और बसपा ने घरों में बिजली क्यों नहीं पहुंचाई। तंज भी किया कि क्या मोदी ने बिजली के खंभे उखाड़ लिए। मोदी ने इसी के साथ 2022 की उम्मीदें भी दिखाईं और कहा हमने प्रदेश और देश के लिए संकल्प लिया है। यह संकल्प 2022 के इंडिया उदय का है। मोदी 46 मिनट के अपने भाषण में ज्यादा समय किसानों पर बोले लेकिन, विपक्ष की घेरेबंदी में कोर-कसर नहीं छोड़ी। 

पंजे ने रुपये को घिसकर 15 पैसे बनाया 

भ्रष्टाचार और पिछली सरकारों पर हमलावर मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के एक कथन को याद किया। बोले, कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने कहा था दिल्ली से सौ रुपये निकलते हैं और गांव तक पहुंचने में 15 रुपये हो जाते हैं। उन्होंने यह बात तब कही थी तब पंचायत से लेकर दिल्ली तक उनकी सरकार थी। मोदी ने सवाल उठाया कि वह कौन पंजा था जिसने रुपये को घिसकर 15 पैसे बना दिया। मोदी यह याद दिलाना नहीं भूले कि अब 90 हजार करोड़ रुपये सीधे लाभार्थी के खाते मे जा रहे हैं। अपने समर्थन में जयकारा लगा रही भीड़ के मनोविज्ञान को समझते हुए मोदी ने कहा कि अगर किसी की दुकान बंद हो जाए तो मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तो लायेगा ही न।

योगी और महेंद्र पाण्डेय की सराहना 

प्रधानमंत्री ने कई बार योगी सरकार और उनके कार्यों की सराहना की तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय को भी तरजीह दी। अपने उद्बोधन में उन्होंने महेंद्र पांडेय को अपना सबसे पुराना साथी बताया और उनसे गुफ्तगू भी करते रहे। मोदी ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को अपने बगल में बुलाकर बातचीत की। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने भी मोदी से कृषि परियोजनाओं पर चर्चा की। फसल खरीद से लेकर किसानों के लिए चलाई जा रही योगी सरकार की योजनाओं की भी मोदी चर्चा करना नहीं भूले। 

अन्नदाता के दिल को छू गये मोदी 

किसान कल्याण रैली में शाहजहांपुर और आसपास के 125 किमी परिधि में आने वाले लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, पीलीभीत बरेली, रामपुर आदि जिलों से किसान उमड़े थे। यह परिक्षेत्र खेती-किसानी का मॉडल है। भीड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पांच किलोमीटर तक लोगों का रेला लगा रहा। मोदी ने खेत की जोत से राष्ट्र जागरण तक इस क्षेत्र की महिमा बखान की। बिस्मिल, विद्रोही और विकल के जिक्र से अपने भाषण की शुरुआत करते हुए अन्नदाता के दिल को छू लिया। 2017 के विधानसभा चुनाव में किसानों से कर्जमाफी का वादा पूरा करने के बाद मोदी उनके मन का और बड़ा भरोसा हासिल करने में लगे थे। इसीलिए यह कहना नहीं भूले कि उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जहां भी गये, वहां अन्नदाता ने आशीर्वाद दिया। इस आशीर्वाद को 2019 की थाती बनाने की पहल करते हुए मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले पश्चिम के किसान मुझसे मिलने आये थे। मैंने उनसे जो वादा किया, आज वही वादा निभाने आया हूं।

समर्थन मूल्य बढ़ाने के अपने फैसले को बहुत ही करीने और आंकड़ेवार बताते हुए मोदी ने किसानों को सपने भी दिखाए। राहुल गांधी समेत सभी विपक्ष को घेरते हुए कहा, किसानों के नाम पर जो घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं, उनके पास तो बहुत कुछ करने का मौका था लेकिन, उन्हें फुर्सत ही नहीं थी। गन्ना बेल्ट में वह गन्ना उत्पादन से लेकर उसके बहुआयामी कारोबार पर भी केंद्रित रहे। गन्ना मूल्य बढ़ाने से लेकर इथेनाल उत्पादन और नीम कोटि यूरिया के अपने फैसले को भी उन्होंने किसानों को समझाया।

पांच करोड़ गन्ना किसानों के हित में किये गये फैसलों के जरिये मोदी ने आठ संसदीय क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत की। भरोसा दिया कि गन्ना मूल्य का संपूर्ण बकाया जल्द मिलेगा। चार वर्ष पहले तक की स्थिति को आंकड़ों के जरिये किसानों के सामने रखा। यह भी कहा कि 15 वर्ष पहले अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने जो प्रयास किये उसके बाद की सरकार 10 वर्ष तक कछुआ चाल चलती रही। मोदी ने मीरजापुर की बाण सागर परियोजना की भी याद दिलाई जिसका हाल ही शुभारंभ किया है।

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