टीम इंडिया का ‘यो-यो टेस्ट’ बना विवाद का कारण, पढ़े पूरी खबर..

भारतीय टीम प्रबंधन यो यो टेस्ट को फिटनेस का मानदंड मानकर चल रहा है लेकिन अंबाती रायडु को इस वजह से टीम से बाहर करने का मसला सीओए प्रमुख विनोद राय के दिमाग में है और वह बीसीसीआई से पूछ सकते हैं कि राष्ट्रीय टीम में चयन के लिये यह फिटनेस का एकमात्र मानदंड क्यों है. रायडु ने आईपीएल में 602 रन बनाये लेकिन यो यो टेस्ट में नाकाम होने के कारण उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया. इसके बाद इस टेस्ट को लेकर बहस छिड़ गयी.

सीओए के करीबी बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हां, सीओए हाल की चर्चाओं से वाकिफ है. उन्होंने अभी तक हस्तक्षेप नहीं किया है क्योंकि यह तकनीकी मसला है लेकिन उनकी योजना क्रिकेट संचालन के प्रमुख सबा करीम से पूरी जानकारी लेने की है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘राय को रायडु और संजू सैमसन के मामले का पता है. इस पर अभी फैसला नहीं किया गया है लेकिन वह एनसीए ट्रेनरों से इस खास टेस्ट के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिये कह सकते हैं.’’

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बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरूद्व चौधरी ने भी सीओए को छह पेज का पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने पूछा है कि यो यो टेस्ट कब और कैसे चयन के लिये एकमात्र फिटनेस मानदंड बन गया. गौरतलब है कि रायडु ने चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलते हुए 16 मैचों में 602 रन बनाए थे. इस दौरान उन्होंने एक शतक और 3 अर्धशतक भी जड़ा था. इस वजह से उन्हें टीम इंडिया में इंग्लैंड दौरे के लिए शामिल किया गया. लेकिन यो यो टेस्ट में पास न होने की वजह से उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इससे पहले मोहम्मद शमी को अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच से बाहर कर दिया गया था.

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