दरअसल, प्रवीण जिस फॉरच्यूनर गाड़ी में यूपी के मेरठ से बहादुरगढ़ आए थे, उस गाड़ी पर आगे की नंबर प्लेट ही नहीं थी। पीछे की नंबर प्लेट नियमों के मुताबिक नहीं लगी थी। सफेद रंग की गाड़ी के शीशों पर चढ़ी ब्लैक फिल्म भी यातायात नियमों को आंख दिखा रही थी। खास बात ये कि शहर के तमाम नाकों पर पुलिस तैनात रहती है। सेक्टर-9 से लेकर सेक्टर-6 की पुलिया के बीच के चौराहों पर तो पुलिस कर्मी चालान भी करती है।
शनिवार को भी तमाम चौकों पर पुलिसकर्मी तैनात थे। यह फॉरच्यूनर गाड़ी उक्त चौकों से से आई और घंटों स्कूल में रुकने के बाद वापस चली गई। हैरानी की बात ये है कि किसी भी पुलिसकर्मी की नजर फॉरच्यूनर गाड़ी पर नहीं पड़ी। ये हालात तब हैं, जब शनिवार को ट्रैफिक पुलिस विशेष मुहिम चलाकर ओवर स्पीड के चालान कर रही थी। शहर के निवासी पुनीत ने कहा कि ठीक है आप क्रिकेटर हो, लेकिन नियमों का पालन तो करना चाहिए।
प्रवीण की सफाई
उधर, क्रिकेटर प्रवीण कुमार ने कहा कि जब घर से चले तो गाड़ी पर नंबर प्लेट लगी हुई थी। रास्ते में कहीं टूट कर गिर गई होगी। वह गाड़ी पर नंबर प्लेट लगवाएंगे।
अधिकारी बोले
यातायात प्रभारी अशोक कुमार ने कहा कि तमाम ट्रैफिक पुलिसकर्मी चौराहों पर ही मौजूद थे। उन्हें ऐसी कोई गाड़ी दिखाई नहीं दी। फिर भी वह मामले की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि सेलिब्रिटिज को भी कानून का ध्यान रखना चाहिए।