पंजाब में अब डीटीएच-केबल पर भी लगेगा टैक्स, कैबिनेट ने दी मंजूरी

पंजाब सरकार ने केबल और डीटीएच उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ डालने की तैयारी कर ली है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की प्रधानगी में बुधवार को हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में स्थानीय निकाय और पंचायतों द्वारा मनोरंजन कर लगाने और वसूलने पर मुहर लगा दी है। 
कैबिनेट ने द पंजाब एंटरटेनमेंट एंड एम्यूजमेंट टैक्सेज ऑर्डिनेंस 2017 को हरी झंडी दे दी है। अब स्थानीय निकाय और पंचायतें डीटीएच पर पांच रुपये और केबल कनेक्शन पर दो रुपये मनोरंजन कर वसूल कर सकेंगी। इस तरह गांवों से लेकर शहरों तक केबल उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इससे सरकार को 45-47 करोड़ रुपये सालाना आय होने की उम्मीद है।

पंजाब में अब डीटीएच-केबल पर भी लगेगा टैक्स, कैबिनेट ने दी मंजूरीराज्य में 16 डीटीएच कनेक्शन से 9.60 करोड़ रुपये और 44 लाख केबल कनेक्शन से 36.96 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद की जा रही है। प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि सरकार की सिनेमा, मल्टीप्लेक्स, मनोरंजन पार्क और अन्य ऐसी जगहों पर मनोरंजन कर लगाने की कोई योजना नहीं है। मनोरंजन कर लगाने के अधिकार अब पंचायतों और नगर पालिकाओं को दिए गए हैं।

टैक्स लगाने पर अड़े थे सिद्धू

जीएसटी में है मनोरंजन कर का प्रावधन
केंद्र सरकार ने जब से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स लागू किया है, बाकी सारे टैक्स अपने आप खत्म हो गए हैं। एक्साइज व टैक्सेशन विभाग राज्य में जहां से भी मनोरंजन कर वसूलता था, वह भी बंद हो गया था। हालांकि, केबल कनेक्शन पर कोई टैक्स नहीं था। जीएसटी में केंद्र सरकार ने यह प्रावधान किया है कि स्थानीय निकाय और पंचायत विभाग अगर चाहें तो मनोरंजन कर वसूल सकते हैं।

टैक्स लगाने पर अड़े थे सिद्धू
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू ने पदभार संभालने के बाद से ही पंजाब में केबल माफिया के खात्मे के दावे किए थे। सिद्धू ने दावा किया था कि वह केबल कारोबार में एकाधिकार का खात्मा करेंगे। वहीं, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कर दिया था कि बदले की भावना से किसी पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। सिद्धू ने ही केबल और डीटीएच पर टैक्स लगाने की योजना बनाई थी ताकि इस कारोबार को सरकारी तंत्र की निगरानी में लाया जा सके।

वाटर सप्लाई विभाग में होगी भर्ती
कैबिनेट ने वाटर सप्लाई व सैनिटेशन विभाग के जूनियर इंजीनियर (ग्रुप सी) केसेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी दी है। इससे विभाग में सीधी भरती के रिक्त पड़े 210 पद भरे जा सकेंगे। कैबिनेट ने 95 प्रतिशत पद सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा होल्डर और पांच प्रतिशत पद मैकेनिकल और इलेक्ट्र्किल डिप्लोमा होल्डरों में से भरने को मंजूरी दी। विभाग का काम सिविल स्वरूप का है, यहां मैकेनिकल और इलेक्ट्रिल का काम बहुत कम है। पहले विभाग को ट्यूबवेल के बोर करने को मैकेनिकल इंजीनयर की जरूरत होती थी। पर अब न तो विभाग के पास इसकी मशीनरी है और न ही यह काम होता है।

 
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