2 महीने में 2000 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी, GST जांच में हुआ खुलासा

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली की जांच शाखा ने दो महीने के भीतर 2,000 करोड़ रुपये की कर चोरी का पर्दाफाश किया है। आंकड़ों के विश्लेषण से यह भी खुलासा हुआ है कि पंजीकृत 1.11 करोड़ से अधिक कारोबारियों में से केवल एक फीसदी ने ही 80 फीसदी करों का भुगतान किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। सीबीआईसी के सदस्य जॉन जोसेफ ने कहा कि जीएसटी रिटर्न फाइलिंग के दौरान गलती करने वाले छोटे कारोबारियों के विपरीत बहुराष्ट्रीय व बड़े कारपोरेट ने भी गलतियां की हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप कर अदा करने के तरीके पर गौर करें, तो यह सतर्क करने वाली तस्वीर पेश करता है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि सिस्टम में कहां खामी है।2 महीने में 2000 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी, GST जांच में हुआ खुलासा

कम्पोजिशन योजना का ले रहे बेजा फायदा
औद्योगिक संगठन एसोचैम द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए जोसफ ने कहा कि कम्पोजिशन डीलर्स के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि उनमें से अधिकतर का वार्षिक कारोबार 5 लाख रुपये का है। इससे पता चलता है कि जीएसटी को सही ढंग से लागू करने की अभी और जरूरत है। कम्पोजिशन स्कीम के तहत कारोबारियों और उत्पादकों को 1 फीसदी की कम दर पर टैक्स चुकाने की अनुमति है, जबकि रेस्तरां मालिकों को 5 फीसदी की दर से जीएसटी भुगतान करना पड़ता है। यह योजना उत्पादकों, रेस्तरां और व्यापारियों के लिए खुली है, जिनका कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है।
 
फर्जी चालान से हो रहा रिफंड का दावा
जोसफ ने कहा कि जांच से पता चला है कि योजनाबद्ध तरीके से माल के लिए फर्जी चालान तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन माल की आपूर्ति नहीं की जा रही है। इन चालानों के आधार पर कुछ कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा भी कर रही हैं। इसके अलावा, सामान का वास्तव में निर्यात किए बिना कुछ कंपनियां फर्जी चालानों के आधार पर जीएसटी रिफंड का दावा भी कर रही हैं।
 
बहुत छोटे हिस्से की चोरी का चल पाया है पता
जोसफ ने कहा कि हमने एक-दो महीने की अल्प अवधि में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की चोरी का पता लगाया है, जो बहुत थोड़ा है। एक तरह से चोरी के पहाड़ का शीर्ष भर है, जो दूर से दिखता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जीएसटी इंटेलिजेंस विंग जीएसटी चोरी रोकने के लिए व्यापक स्तर पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए तकनीक की भी मदद ली जाएगी।

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