तालिबान और अफ़ग़ान सैनिकों ने मिल कर मनाई ईद
अफ़ग़ान तालिबान और अफ़ग़ान सुरक्षा बलों का गले मिलना और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देना- कुछ दिनों पहले तक शायद ऐसा सोच पाना भी मुश्किल था. लेकिन, इस साल ईद के मौक़े पर ये हकीकत बन गया है. अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ गनी ने संघर्षविराम की समयसीमा को बढ़ा दिया है और तालिबान से अपील की है कि वो भी अपनी तरफ से संघर्षविराम की मियाद को बढ़ाए. सरकार ने कई तालिबान चरमपंथियों को जेल से रिहा भी कर दिया है.
पवित्र माने जाने वाले रमज़ान महीने के बाद अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान चरमपंथियों और अफ़ग़ान सैनिकों ने मिलकर ईद मनाई. वो गले मिले, एक-दूसरे को मुबारकबाद दी और साथ में तस्वीरें भी लीं. दोनों तरफ से ईद के दौरान संघर्षविराम की घोषणा के बाद ऐसा संभव हो पाया.
नंगरहार में आत्मघाती हमला
इधर अफ़ग़ानिस्तान के नंगरहार प्रांत में एक आत्मघाती हमला हुआ है जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई. यह हमला उस जगह हुआ जहां सरकारी अधिकारी और तालिबानी चरमपंथी इकट्ठा हुए थे.
प्रांत के प्रवक्ता अतुल्लाह खोगयानी ने बीबीसी को बताया कि इस हमले में तालिबान के कु सदस्यों और कई स्थानीय लोगों की मौत हुई है. साथ ही 54 लोग घायल हुए हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक उस क्षेत्र में सक्रिय कशित चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
संघर्षविराम से शांति की ओर
राष्ट्रपति ग़नी चाहते हैं कि ईद के दौरान हुए संघर्षविराम के बाद अब स्थायी शांति की तरफ कदम बढ़ाया जाए.
टेलीविज़न पर अपने एक संबोधन में उन्होंने कहा कि तालिबान के सदस्यों को अब सामान्य नागरिकों की तरह सरकारी सहायता मिल सकती है. उन्होंने अपने संबोधन में नंगरहार में हुए हमले का ज़िक्र नहीं किया.
राष्ट्रपति ग़नी ने गुरुवार को अमरीकी वायुसेना के एक ड्रोन हमले में पाकिस्तानी तालिबान के प्रमुख मौलाना फ़जलुल्लाह की मौत की भी पुष्टि की है.
इस महीने की शुरुआत में तालिबान ने इस बात से इनकार कर दिया था कि उनकी अफ़ग़ान सरकार से गुप्त बातचीत चल रही है.
ईद पर क्या-क्या हुआ
टोलो न्यूज ने एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें देश के उत्तरी हिस्से में स्थित कुंदुज़ शहर में एक तालिबानी चरमपंथी एक अफ़ग़ान सैनिक का गले लगा रहे है.
#Taliban fighters, residents and security forces greet each other enthusiastically, on the outskirts of #Kunduz city, in the spirit of the #Eid #ceasefire pic.twitter.com/e586r4KuJN
— TOLOnews (@TOLOnews) June 16, 2018
चैनल वन ने क़ाबुल के दक्षिण में स्थित ग़ज़्नी शहर में तालिबान लड़ाकों और सैनिकों के ईद मिलने की तस्वीरें पोस्ट की हैं.
Taliban members meet with #Afghan forces in #Ghazni city checkpoints during Eid ceasefire pic.twitter.com/mHYDWq9fMp
— 1TVNewsAF (@1TVNewsAF) June 16, 2018
क़ाबुल में भी हजारों निहत्थे तालिबान लड़ाकों ने संघर्षविराम की खुशी मानने के लिए प्रवेश किया.
In the second day of ceasefire, #Taliban with their flag get streets in #Kabul city and people are taking selfies with them. #KotaSangi #Kabul. pic.twitter.com/Z8sBnQhMMz
— Hayat Amanat (@hayatamanat) June 16, 2018
एक तस्वीर में एक तालिबान सदस्य के हाथ में अफ़ग़ानिस्तान का झंडा है और स्थानीय निवासी उसके साथ सेल्फी ले रहे हैं.
#MoI Minister Wais Ahmad Barmak meets Taliban members in Company area of #Kabul city this afternoon. #Ceasefire #Kabul #Afghanistan pic.twitter.com/qC09H22axZ
— TOLOnews (@TOLOnews) June 16, 2018
कैसे हुआ संघर्षविराम?
अफ़ग़ान सरकार द्वारा बुधवार तक एकतरफा संघर्षविराम की घोषणा करने के बाद तालिबान ने इस महीने की शुरुआत में तीन दिन के संघर्षविराम का ऐलान किया था.
साल 2001 में अमरीकी नेतृत्व में हुए हमले के बाद तालिबानी सत्ता के गिरने के बाद यह पहला संघर्षविराम है. इस संघर्षविराम पर अमरीका ने कहा है कि अमरीकी सेना और सहयोगी देश “इसका सम्मान करेंगे.”
अशरफ़ ग़नी ने संघर्षविराम आगे बढ़ाने की घोषणा कर दी है. साथ ही रविवार को ख़त्म होने वाले इस संघर्षविराम को बढ़ाने के लिए कहा है.
फरवरी में राष्ट्रपति ग़नी बिना शर्त शांतिवार्ता करने के लिए तैयार हो गए थे और उन्होंने कहा था कि अगर तालिबान क़ानून का सम्मान करता है तो उसे एक वैध राजनीतिक समूह का दर्जा दिया जाएगा.
आम अफ़ग़ानियों ने क्या कहा?
स्थानीय निवासियों ने ईद पर हुए इस नामुमकिन मिलन पर हैरानी जताई है और खुशी भी जाहिर की है. कुंदुज़ में रहने वाले मोहम्मद आमिर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, “मुझे मेरी आंखों पर यकीन नहीं हुआ. मैंने देखा कि तालिबान और पुलिस वाले एक साथ खड़े हैं और सेल्फी ले रहे हैं.”
दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान के ज़ाबुल में पढ़ाई कर रहे क़ैस लिवाल कहते हैं, “यह अब तक की सबसे ज्यादा शांतिपूर्ण ईद थी. पहली बार हमने सुरक्षित महसूस किया. इस खुशी को बता पाना भी मुश्किल है.” रॉयटर्स के मुताबिक़ भीड़ ने सीटियां बजाकर और चिल्लाकर विभिन्न शहरों में तालिबान लड़ाकों का स्वागत किया. पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान के जलालाबाद में चरमपंथियों में फल और मिठाइयां बंटी गईं.