दिल्ली में गिरफ्तार किये गये संदिग्ध आतंकी, था ये बड़ा मकसद

नोएडा। सूरजपुर ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार हुए दोनों संदिग्ध बांग्लादेशी आतंकी गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद समेत एनसीआर में स्थायी ठिकाना बनाने की फिराक में थे। फिलहाल दोनों संदिग्ध भारत के अलग-अलग शहरों में मजदूर बनकर रह रहे थे। आतंक  निरोधी दस्ता (यूपी एटीएस), गौतमबुद्ध नगर पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए दोनों संदिग्ध मंगलवार दोपहर दिल्ली से सूरजपुर तक बस के जरिये पहुंचे थे। इनके पास से दिल्ली के आनंद विहार से सेक्टर 37 नोएडा और सेक्टर 37 से ग्रेटर नोएडा तक के बस के टिकट बरामद हुए हैं। एटीएस के अनुसार अब तक की पूछताछ में पता लगा है कि पकड़े गए संदिग्ध रूबेल अहमद उर्फ मनीरउल इस्लाम और मुशर्फ हुसैन उर्फ मूसा बांग्लादेश (जेएमबी) के सदस्य हैं।दिल्ली में गिरफ्तार किये गये संदिग्ध आतंकी, था ये बड़ा मकसद

यहां क्यों पहुंचे थे संदिग्ध, चल रही जांच

प्राथमिक पूछताछ में पकड़े गए दोनों संदिग्धों ने बताया कि पुलिस इनकी तलाश कर रही थी, लिहाजा वह यहां छिपने के इरादे से आए थे। हालांकि यहां छिपने के दौरान क्या करने का इरादा था यह अब तक की पूछताछ में पता नहीं लग सका है। एनसीआर में कब और कैसे पहुंचे इसकी जानकारी भी नहीं मिल सकी है। अब तक की जांच से इनके नेटवर्क से जुड़े किसी अन्य के एनसीआर में छिपे होने की जानकारी यूपी एटीएस को नहीं मिल सकी है। एटीएस इनके नेटवर्क खंगालने में जुटी है। आगे की पूछताछ के लिए यूपी एटीएस की टीम पश्चिम बंगाल भी जाएगी। मालूम हो कि दिसंबर 2014 में भी पश्चिम बंगाल पुलिस की मदद से दो संदिग्ध आतंकियों को यूपी एटीएस ने नोएडा से गिरफ्तार किया था।

स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा को लेकर पुलिस अलर्ट

दो संदिग्ध बांग्लादेशियों की ग्रेटर नोएडा से मंगलवार को हुई गिरफ्तारी के बाद स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा को लेकर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। एसएसपी डॉ. अजय पाल शर्मा ने कहा कि लोकल इंटेलीजेंस यूनिट को और अधिक सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। वहीं जिले के सभी कोतवाली प्रभारी, क्षेत्राधिकारी के साथ एसपी सिटी और एसपी देहात को सुरक्षा के लिए आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। बाहर से आकर रहने वाले लोगों का सत्यापन कराने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलेगा। मेट्रो और मॉल की सुरक्षा भी सुनिश्चित कराई जाएगी और समय-समय पर जांच होगी। दिल्ली बार्डरों पर सुरक्षा चाक-चौबंद की जाएगी।

नकली नोट के बाद आतंकी कनेक्शन

बांग्लादेश से दिल्ली एनसीआर में आने वाले संदिग्ध लोगों का नकली नोट के बाद आतंकी कनेक्शन प्रकाश में आया है। आतंकी कनेक्शन प्रकाश में आने के बाद जांच एजेंसीयां सतर्क हो गई हैं। ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में पकड़े गए दो संदिग्ध आतंकी रूबेल अहमद उर्फ मुनीर उल इस्लाम व मुशर्रफ हुसैल उर्फ मूसा उर्फ तेजेरुल इस्लाम उर्फ रेजुल करीम का भी नकली नोटों की तस्करी से पुराना कनेक्शन है।

पांच साल पहले ग्रेटर नोएडा में पकड़े गए 24 लाख के नकली नोट की खेप दिल्ली एनसीआर में भेजने में इन दोनों की भी अहम भूमिका थी। 24 लाख के नकली नोट के साथ एसटीएफ ने बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। उस दौरान गिरफ्तार किए गए आरोपित, आतंकी संगठनों से जुड़े बताए गए थे। अब पकड़े गए दोनों आतंकी की पांच दिन की ट्रांजिट रिमांड कोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल पुलिस को दी गई है। इस दौरान जांच एजेंसियां इनके नेटवर्क और प्लान आदि के बारे में पूछताछ करेंगी।

मार्च 2018 में बार्डर क्रास कर भारत आए थे

पुलिस सूत्रों का यह भी दावा है कि पकड़े गए दोनों आतंकी जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़े हैं। दोनों मार्च 2018 में बांग्लादेश से गैरकानूनी तरीके से बार्डर क्रास कर भारत आ गए थे। पश्चिम बंगाल में कुछ दिन रहने के बाद दोनों दिल्ली एनसीआर में अपनी जड़े मजबूत करना चाह रहे थे। इस दौरान वह किन किन लोगों के संपर्क में रहे थे, सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं।

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन से ट्रेन के जनरल डिब्बे में नकली नोट लाए जाते हैं। बार्डर पार करके नकली नोट को बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल पहुंचाया जाता है। ट्रेन के जनरल डिब्बे में आने के दौरान बांग्लादेशी दिल्ली रेलवे स्टेशन आने के बजाय दादरी या गाजियाबाद के आउटर पर उतर जाते थे।

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