सुशील मोदी ने कहा- यूपीए पर राज्यों को नहीं था भरोसा, इसलिए लागू नहीं हो पाया था GST
नई दिल्ली । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को करारा जवाब देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि तत्कालीन यूपीए सरकार में राज्यों का भरोसा खत्म हो गया था जिसके चलते उस समय जीएसटी लागू नहीं हो सका।
मोदी ने उस समय जीएसटी लागू न होने के लिए यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे चिदंबरम को जिम्मेदार ठहराया है। मोदी का कहना है कि चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते हुए राज्यों को सीएसटी क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान नहीं हुआ, जिसके चलते राज्यों में तत्कालीन यूपीए सरकार के आश्वासनों को लेकर अविश्वास पैदा हो गया।
मोदी का यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि वह 2012-13 में जीएसटी के क्रियान्वयन पर विचार कर रही राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष थे। मोदी ने ‘दैनिक जागरण’ से कहा कि जीएसटी लागू होने से केंद्रीय बिक्री कर यानी सीएसटी चरणबद्ध तरीके से तीन साल में खत्म किया जाना था।
तत्कालीन यूपीए सरकार ने आश्वासन दिया था कि इसके चलते राज्यों को राजस्व हानि होगी उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी। सीएसटी की दर एक अप्रैल 2007 को 4 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत और 2008 में 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दी गयी। शुरुआती वर्षो में राज्यों को क्षतिपूर्ति की कुछ राशि भी दी गयी लेकिन 2011-12 में क्षतिपूर्ति का भुगतान रोक दिया गया।
मोदी ने कहा कि चिदंबरम अब भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि इसकी वजह से जीएसटी लागू नहीं हुआ जबकि हकीकत यह है कि यूपीए ने राज्यों को बकाया क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया जिसके चलते तत्कालीन सरकार पर उन्हें भरोसा नहीं रहा।
गौरतलब है कि चिदंबरम ने सोमवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा था। चिदंबरम ने कहा था कि यदि जीएसटी ‘ईमानदारी की जीत’ और ‘ईमानदारी का उत्सव’ है, तो भाजपा ने इसका विरोध क्यों किया और क्यों इसे 5 साल तक क्यों रोका? चिदंबरम के इस आरोप के जवाब में ही मोदी ने यह बयान दिया है।
मोदी ने कहा कि 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद न सिर्फ राज्यों को सीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान हुआ बल्कि जीएसटी लागू करने पर होने वाली किसी भी राजस्व हानि की भरपाई पांच साल तक करने तथा हर साल इसमें 14 प्रतिशत वृद्धि सुनिश्चित करने का संवैधानिक प्रावधान किया गया।