सुशील मोदी ने कहा- लालू शासनकाल में विकास होता तो विशेष राज्य का दर्जा नहीं मांगना पड़ता

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि वह अपने बॉस (प्रधानमंत्री मोदी) को कहकर बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाते हैं? लालू ने यह बयान तब दिया जब आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने को लेकर तेलुगू देशम पार्टी के दो मंत्रियों ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया.

लालू के इसी कटाक्ष का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अगर लालू-राबड़ी के 15 साल के शासनकाल में बिहार में ताबड़तोड़ घोटाले करके सात पुश्तों के लिए निजी संपत्ति बनाने के बदले अगर विकास की चिंता की गई होती तो प्रदेश दक्षिण-पश्चिमी राज्यों की कतार में बड़ी शान से खड़ा होता.

सुशील मोदी ने कहा कि अगर 15 साल के लालू-राबड़ी शासनकाल में विकास की जरा भी चिंता की गई होती तो आज के दिन बिना विशेष राज्य के दर्जा के ही बिहार समृद्धि के शिखर पर पहुंच जाता. लालू परिवार पर तंज कसते हुए सुशील मोदी ने कहा कि गरीबों को खाई में धकेलने वाले लोग आज विशेष राज्य के पैरोकार बन रहे हैं.

मोदी ने सवाल पूछा कि जब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने विधानमंडल से पारित करा कर केंद्र की यूपीए सरकार को सौंपा था तो उस वक्त लालू की पार्टी केंद्र सरकार में शामिल थी. तो उस वक्त प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिला?सुशील मोदी ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए केंद्र सरकार ने 1.65 लाख करोड़ का विशेष पैकेज दिया है.

वहीं दूसरी तरफ जेडीयू ने भी लालू-राबड़ी पर हमला करते हुए कहा कि 2004 में आरजेडी केंद्र और बिहार सरकार में शामिल थे तो आखिर उस वक्त बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिला? जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने बयान जारी कर पूछा कि मुख्यमंत्री रहते हुए राबड़ी देवी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिलाना चाहती थी या फिर केंद्र में मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद नहीं चाहते थे कि प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिले ? जदयू ने कहा कि इन सब सवालों का जवाब लालू प्रसाद को देना चाहिए.

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