#महाराष्ट्र के पेंच प्रकल्प में पानी की कमी : सरकार का प्रबंधन देख हैरान रह जाएंगे आप

नागपुर. इस बार जल और फसल उत्पादन संकट के गंभीर संकेत मिल रहे हैं। पहले मानसून की मार पड़ी, रही-सही कसर चौराई बांध ने पूरी कर दी। चौराई बांध में पानी रोके जाने से इस बार पेंच प्रकल्प में पर्याप्त जलभंडारण नहीं हो पाया है। पेंच प्रकल्प में सिर्फ 33 प्रतिशत पानी भंडारण ने शहर की जलापूर्ति सहित किसानों का नियोजन गड़बड़ा दिया है। चिंता की बात है कि इस बार किसानों को रबी फसल में सिंचाई के लिए एक बंूद पानी नहीं मिलेगा। सिंचाई प्रकल्पों से उनके लिए पानी नहीं छोड़ा जाएगा। किसानों को अपनी व्यवस्था खुद करनी होगी।

#महाराष्ट्र के पेंच प्रकल्प में पानी की कमी : सरकार का प्रबंधन देख हैरान रह जाएंगे आप

विदर्भ सिंचाई विकास मंडल ने दावा किया है कि पेंच प्रकल्प से किसानों को रबी फसल के लिए 300 एमएमक्यूब की पानी की जरूरत होती है। किन्तु सिंचाई के लिए सिर्फ 60 से 65 एमएमक्यूब पानी ही उपलब्ध है। यह पानी रबी फसल का एक रोटेशन भी पूरा नहीं कर पाएगा। इसलिए किसी भी हालत में रबी फसल के लिए पानी देना मुमकिन नहीं है। इन संकटों के बीच उद्योगों की मांग और आपूर्ति बरकरार है। उनके लिए कोई कटौती नहीं की गई है। नागपुर जिले में 80 एमएमक्बूय पानी उद्योगों के लिए आरक्षित है। इसमें से 65 एमएमब्यूब अकेले कोराडी और खापरखेड़ा पॉवर प्लांट को जाता है। शेष 5 से 10 एमएमक्यूब अन्य उद्योगों को दिया जाता है। विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल का कहना है कि उद्योगों की मांग बहुत ज्यादा नहीं होने से उसमें किसी तरह की कटौती नहीं की गई है।

मिलता है 413 एमएमक्यूब पानी

नागपुर जिले को विविध प्रकल्पों और नदियों से 413 एमएमक्यूब पानी मिलता है। इसमें से 223.564 एमएमक्यूब पानी जलापूर्ति, सिंचाई और उद्योगों के लिए जाता है। फिलहाल जलापूर्ति पहली, सिंचाई दूसरी और उद्योग तीसरी प्राथमिकता सूची में हैं। िवदर्भ सिंचाई विकास मंडल अनुसार सरकारी मानक के तहत शहरी क्षेत्र में 135 लीटर प्रति दिन एक व्यक्ति को पानी मिलना चाहिए, लेकिन नागपुर शहर में इससे ज्यादा पानी मिल रहा है। ऐसे में नागरिकों को पानी बचत की सर्वाधिक जरूरत है। मनपा को भी अपनी क्षति कम कर उपयोग बढ़ाने पर जोर देना होगा।

उद्योगों को कटौती से पूरी छूट

अपर्याप्त बारिश से नागपुर शहर की जलापूर्ति सर्वाधिक प्रभावित होगी। पेंच प्रकल्प (तोतलाडोह) के जरिए नवेगांव खैरी बांध से नागपुर महानगरपालिका को मिलने वाले पानी में 20 प्रतिशत तक कटौती होगी। महाराष्ट्र जलसंपत्ति नियामक प्राधिकरण की सख्ती के बाद विदर्भ सिंचाई विकास मंडल और सख्त हो गया है। ऐसे में संकट और दोगुना हो गया है। फिलहाल नवेगांव खैरी बांध से मनपा को 190 एमएमक्यूब पानी मिलता है। इसमें 112 एमएमक्यूब का स्थाई आरक्षण और 78 एमएमक्यूब का अस्थाई आरक्षण है। 190 एमएमक्यूब में 20 प्रतिशत कटौती यानी 38 एमएमक्यूब पानी कम होने के संकेत हैं। कन्हान से मनपा को अतिरिक्त 65 एमएमक्यूब पानी मिलता है। ऐसे में मनपा ने लोगों से अभी से पानी बचत की अपील करनी शुरू कर दी है।

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पानी की कमी है इसलिए नियोजन करना पड़ा

पेंच प्रकल्प में इतना पानी नहीं है कि रबी फसलों के लिए किसानों को उपलब्ध कराया जाए। पानी की कमी है इसलिए नियोजन करना पड़ा। किसानों को साफ कहा गया है कि इस बार उन्हें पानी नहीं मिलेगा। जलापूर्ति में भी 20 प्रतिशत तक कटौती की जाएगी।
-आर.एम. चौहान, मुख्य अभियंता, विदर्भ सिंचाई विकास मंडल

चौराई बांध का भी असर

इस साल अपर्याप्त बारिश और मध्यप्रदेश के चौराई बांध के कारण पेंच प्रकल्प में पानी कम हुआ है। जिस कारण पेंच प्रकल्प की दाईं और बाईं नहर से इस साल रबी और खरीफ फसल को पानी उपलब्ध नहीं हो सकेगा। 

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