भीमा कोरेगांव और सबरीमाला मंदिर समेत आज इन मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला

नई दिल्‍ली : सुप्रीम कोर्ट आज (28 सितंबर) कई बड़े मामलों में फैसला सुनाएगा. भीमा कोरेगांव केस में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ शुक्रवार को फैसला सुनाएगी. वहीं केरल के सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान अपने फैसले के जरिए तय करेगी कि क्या मंदिर में महिला के प्रवेश का नियम सही है या नहीं. इसके अलावा अफस्पा, मणिपुर एनकाउंटर और यूनिटेक जैसे मामलों की सुनवाई होगी. 

भीमा कोरेगांव मामला
भीमा कोरेगांव केस में पांच एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगा.सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे के बाद फैसला सुनाएगी. कोर्ट फैसले के जरिए तय करेगा कि पांच एक्टिविस्टों के खिलाफ पुणे पुलिस की जांच जारी रहेगी या नहीं. इससे पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा था कि अगर किसी प्रभावित क्षेत्र में लोगों का हाल जानने भेजा जाता है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वो प्रतिबंधित संगठन के सदस्य हैं.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि हमें सरकार का विरोध, तोड़फोड़ व गड़बड़ी फैलाने वालों के बीच के अंतर को साफ़ तौर पर समझना होगा. 

केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक के खिलाफ़ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ शुक्रवार को फैसला सुनाएगी. सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगी. इससे पहलेनायर सर्विस सोसाइटी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील के पराशरण ने हिंदू धर्म की व्याख्या करते हुए कहा था कि ब्रह्मा विधायिका, विष्णु कार्यपालिका, शिव न्यायपालिका और अर्धनारीश्वर हैं, तभी उनका यह स्वरूप अनुच्छेद 14 जैसा है यानी सबको बराबर का अधिकार. पाराशरन ने कहा था कि केरल में 90 फीसदी से ज्यादा आबादी शिक्षित है. 

अफस्पा मामले में फैसला
अफस्पा मामले में अपने हितों को सुरक्षित करने की गुहार लेकर सेना के 356 जवानों और अधिकारियों की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. दरअसल, सेना के 356 जवानों और अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि देश की सुरक्षा के लिए आर्म्‍ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (अफस्पा) के तहत कर्तव्य निर्वहन में किए कार्य के लिए उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई कर उनका उत्पीड़न न किया जाए.

ऐसे में उनके हित सुरक्षित रखने के लिए कोर्ट दिशा निर्देश जारी करे. याचिका में यह भी मांग है कि सरकार को आदेश दिया जाए कि वह सैनिकों के खिलाफ दुर्भावना से प्रेरित अभियोजनों और एफआईआर को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए. 

मणिपुर एनकाउंटर मामले की सुनवाई
मणिपुर एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. इससे पहले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई डायरेक्ट आलोक वर्मा पेश हुए थे. सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए थे.जस्टिस मदन बी लोकुर ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा से पूछा था कि क्या अभी तक सीबीआई ने कोई गिरफ्तारी की है?

सीबीआई डायरेक्टर ने जवाब दिया था कि अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, कुछ लोगों से पूछताछ की है, केस बहुत पुराना हो चुका है, अब सीबीआई के पास उनसे बरामद करने के लिए कुछ नहीं है. इस पर जस्टिस लोकुर ने कहा था कि इसका मतलब ये हुआ कि हत्यारे मणिपुर में खुलेआम घूम रहे है.

यूनिटेक से जुड़े मामले में सुनवाई
यूनिटेक के अधूरे प्रोजेक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में कंपनी के प्रमोटर संजय चंद्रा को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली थी. कोर्ट ने संजय चंद्रा की कस्टडी पैरोल की मांग ठुकरा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि यूनिटेक के कोलकाता की बेची गई संपत्ति की 85.88 करोड़ रूपए की रकम ऑक्शन प्रचेजर 27 सितंबर तक सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करायेंगे.इसके अलावा यूनिटेक 30 करोड़ रूपए ज़मा कराएगा. कोर्ट ने कहा था कि जो बायर्स पोटल पर रजिस्टर्ड हैं और उन्हें फ्लैट की जगह पैसे चाहिए तो उन्हें सबसे पहले पूरी रकम का 60 प्रतिशत पैसा मिलेगा.

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