सुखबीर बादल मुझसे नाराज हैं तो मुझे पार्टी से सस्पेंड क्यों नहीं करते: सांसद घुबाया

अबोहर। लंबे समय से नाराज चल रहे फिरोजपुर के सांसद शेरसिंह घुबाया ने कहा है कि अगर अकाली दल प्रधान सुखबीर सिंह बादल वास्तव में उनसे नाराज हैं तो उन्हें पार्टी से क्यों नहीं निकाल रहे? घुबाया ने कहा कि मेरी लंबे समय से सुखबीर के साथ न तो कोई मीटिंग हुई है न ही बातचीत। न ही पार्टी उन्हें किसी कार्यक्रम में बुलाती है। यहां तक कि प्रधानमंत्री की मलोट रैली में भी उन्हें न्यौता नहीं दिया गया। जब इतनी नाराजगी है तो उन्हें पार्टी से सस्पेंड क्यों नहीं किया जा रहा?सुखबीर बादल मुझसे नाराज हैं तो मुझे पार्टी से सस्पेंड क्यों नहीं करते: सांसद घुबाया

घुबाया ने कहा कि उनके सामने सियासी हालात स्प्ष्ट नहीं हैं, इसलिए कुछ नहीं कह सकते कि अगला लोकसभा चुनाव किस पार्टी से लड़ेंगे? उनके मुताबिक सीएम अमरिंदर सिंह से कई बार उनकी मुलाकात हुई है, लेकिन टिकट पर अभी कोई बातचीत नहीं हो सकी है। जब उनसे ये पूछा गया कि इस समय आप कांग्रेस के समर्थक हैं या अकाली दल के? इस पर उन्होंने कहा कि अभी किसी का समर्थक नहीं हूं , जो अच्छी पार्टी होगी उस पर विचार करूंगा।

शिअद व कांग्रेस के लिए पहेली बने हैं घुबाया

सांसद घुबाया ऐसी पहेली बन गए हैं जिसे कांग्रेस व शिअद दोनों पार्टियों का हाईकमान भी नहीं सुलझा पा रहा। लोकसभा चुनाव सिर पर हैं बाबजूद इसके कांग्रेस डर रही है कि उन्हें पार्टी में लिया जाए या नहीं? हालांकि जब घुबाया ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से मीटिंग कर बेटे को रातोंरात कांग्रेस ज्वाइन कराई थी जो बाद में कांग्रेस के टिकट पर लड़कर फाजिल्का के विधायक बने, तब कांग्रेस ने सांसद घुबाया को भी 2019 लोकसभा चुनावों में लड़ाने के संकेत दिए थे, लेकिन सांसद की एक महिला के साथ कथित सीडी वायरल होने के बाद हालात बदल लिए। हालांकि घुबाया ने इस सीडी को फर्जी बताते हुए इसे अकाली दल की साजिश बताया था।

दूसरी तरफ कांग्रेस ये भी जानती है कि फिरोजपुर सीट जीतनी है तो घुबाया से बेहतर उम्मीदवार नहीं होगा, क्योंकि उन्हें अपनी बिरादरी के समर्थन हासिल रहा है। जबकि अकाली दल उनसे पहले ही कन्नी काट चुका है लेकिन वोट बैंक खिसकने के डर से अभी तक सांसद को पार्टी से निष्कासित भी नहीं किया है।

वहीं घुबाया इसलिए पार्टी नहीं छोड़ रहे क्योंकि ऐसा करने से 9 महीने पहले ही उनकी कुर्सी जा सकती है। उन पर प्रकाश सिंह बादल से लेकर राहुल गांधी तक निर्णय नहीं ले पा रहे। सूत्रों के मुताबिक अकाली दल तो यहां से बीबी हरसिमरत कौर बादल को लड़ाना चाहता है लेकिन कांग्रेस अगर घुबाया को टिकट देती है तो हालात अनुकूल नहीं रहेंगे।

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