ऐसा है बिहार में स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था का हाल, गोद में बीमार बच्चा और हाथ में ऑक्सीजन सिलेंडर

पटना। पटना मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के लापरवाही मरीजों की जान पर भारी पडऩे लगी है। गुरुवार को पीएमसीएच के शिशु विभाग के डॉक्टरों ने बीमार बच्चे को बिना स्ट्रेचर या एंबुलेंस के ही इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी) भेज दिया। साथ ही मरीज के परिजनों को थमा दिया आक्सीजन गैस का सिलेंडर।

ऐसा है बिहार में स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था का हाल, गोद में बीमार बच्चा और हाथ में ऑक्सीजन सिलेंडरमीडिया द्वारा मामला उजागर करने पर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. दीपक टंडन ने मामले की जांच कराने का आदेश दिया है। उन्होंने शिशु विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नीलम वर्मा को जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया है।

पीएमसीएच में गुरुवार को एक बच्चे को भर्ती कराया गया तो डॉक्टरों ने उसे हार्ट में परेशानी की बात बताई। हार्ट की जांच के लिए इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में बच्चे को भेज दिया। लेकिन मरीज के लिए एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं की गई। बच्चे की गंभीर स्थिति होने के कारण आक्सीजन लगा हुआ था। उसे आक्सीजन सिलेंडर के साथ ही आइजीआइसी भेजा। बच्चे के साथ परिजनों को सिलेंडर स्वयं टांगकर ले जाना पड़ा। परिजनों का कहना था कि अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस की मांग की गई थी, लेकिन एंबुलेंस नहीं दिया गया। विवश होकर बच्चे को गोद में लेकर जाना पड़ रहा है।

तीन एंबुलेंस हमेशा खड़ा रहते पीएमसीएच में

पीएमसीएच के डॉक्टरों ने गंभीर लापरवाही बरतते हुए बीमार बच्चे को बिना एंबुलेंस के ही शिशु विभाग भेज दिया। जबकि शिशु विभाग के सामने ही दो एंबुलेंस चौबीस घंटे खड़े रहते हैं। उन एंबुलेंस का उपयोग करने की जहमत किसी ने नहीं उठाई।

बिना एंबुलेंस के बच्चें को आइअीआइसी भेजने की सूचना मिली है। इसे गंभीरता से लिया गया है। मामले की जांच कराने के लिए कमेटी बनाई गई है। शिशु विभाग की वरिष्ठ डॉक्टर नीलम वर्मा मामले की जांच करेंगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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