शेयर बाजार निवेशक हुए मालामाल, 5 दिन में की इतने लाख करोड़ की कमाई

शेयर बाजार में बीते पांच दिनों की उछाल ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। 23 जुलाई, सोमवार से हफ्ते की शुरुआत हुई थी। इससे पहले बीते शुक्रवार को सेंसेक्स 36,496 पर बंद हुआ था। 23 जुलाई को यह 36,718 के स्तर पर रहा और हफ्ते के आखिरी दिन यानी 27 जुलाई को यह 37,336 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान निवेशकों ने 4.67 लाख करोड़ रुपए की कमाई की।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को बीएसई की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन (एम-कैप) बढ़कर 1,51,44,543 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। पिछले शुक्रवार को यह आंकड़ा 1,46,77,027 करोड़ रुपए था।

जीएसटी दरें घटने से भागा शेयर बाजार

जानकारों का मानना है कि सरकार ने जीएसटी की दरों में कमी का फैसला सोमवार, 23 जुलाई को लिया था। उस दिन सेंसेक्स में 2.30 फीसदी यानी 840 अंकों की बढ़त दर्ज हुई थी।

इसके अलावा, आईटीसी समेत कई कंपनियों का दमदार तिमाही प्रदर्शन, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा पिछले सत्र में की गई खरीद, अमेरिका-यूरोपीय यूनियन में कारोबारी गतिरोध घटने के संकेत, यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरें नहीं बढ़ाना तथा मिड कैप शेयरों का पिछले कुछ दिनों में बेहतर प्रदर्शन भी शेयर बाजार में इस बढ़त के अहम कारण रहे।

लगातार 5वें दिन बाजार ने रचा इतिहास, सेंसेक्स 340 अंक चढ़ा, निफ्टी पहली बार 11200 के पार

खास बातें : इसी साल 36,000 से 37,000

इस सप्ताह सेंसेक्स 840.48 अंक, जबकि निफ्टी 268.15 अंक की बढ़त ले चुका है। दिलचस्प यह है कि सेंसेक्स ने 36,000 और 37,000 अंक के दो महत्वपूर्ण पड़ाव इसी वर्ष पार किए हैं। इंडेक्स ने 23 जनवरी को 36,000 अंक का स्तर पार किया था।

विश्लेषकों का कहना था कि चौतरफा सकारात्मक संकेतों के चलते दोनों इंडेक्स में दिनभर खरीदारों का तांता लगा रहा। एफएमसीजी दिग्गज आईटीसी के उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजों ने सेंसेक्स का मनोबल ऊंचा रखा।

सेंसेक्स पैक में आईटीसी, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, आईसीआइसीआई बैंक और हीरो मोटोकॉर्प जैसे शेयरों का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। हालांकि बेहद सकारात्मक माहौल में भी पावर ग्रिड, अडानी पोर्ट्स, कोल इंडिया और मारुति सुजुकी के शेयर गिरावट टाल नहीं सके।

एशियाई बाजारों में जापान और हांगकांग के शेयर बाजार बढ़त, जबकि चीन के बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। यूरोपीय शेयर बाजार शुरुआती दौर में सकारात्मक स्तर पर थे।

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