फैसले से पहले बोले आसाराम ने कही ये बात…

करीब पांच साल से जोधपुर जेल में बंद आसाराम को फैसले से पहले अब भगवान से उम्मीद है। जोधपुर के कलेक्टर ने जब आसाराम से पूछा फैसले के बारे में क्या सोच रहे हो बापू, तो आसाराम ने कहा ‘होई है वहीं जो राम रचि राखा।’

आसाराम पर चल रहे नाबालिग से दुष्कर्म मामले में बुधवार 25 अप्रैल को जोधपुर की एससी एसटी कोर्ट जोधपुर सेंट्रल जेल में ही सुनाएगी। इसके लिए जेल में ही कोर्ट रूम बनाया गया है।

जोधपुर के जिला कलेक्टर रविकुमार सुरपुर व पुलिस उपायुक्त अमनदीपसिंह सेंट्रल जेल में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान कलेक्टर ने पूछा कि फैसले को लेकर क्या सोच रहे हो तो इस पर आसाराम ने कहा ‘होई है वही जो राम रचि राखा।’

आसाराम ने कहा कोर्ट का जो भी फैसला होगा वो उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने कहा कि वो और उनके समर्थक गांधीवादी विचारधारा के है और अहिंसा में यकीन रखते हैं। वहीं जेल प्रशानन की माने तो आसाराम के चेहरे पर फैसले को लेकर कोई शिकन नहीं है। हां उत्सुकता जरूर है।

इस बीच फैसले के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस मुख्यालय से पुलिस बल की छह कम्पनियां भेजी गई है।

जोधपुर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। होटलों और धर्मशालाओं की सघन चैकिंग की जा रही है।

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आसाराम के आश्रम को खाली करा लिया गया है और पूरी जांच के बाद ही निजी वाहनों और बसों को जोधपुर में प्रवेश दिया जा रहा है। रेलवे स्टेशन पर भी कड़ी जांच की जा रही है।

गौरतलब है कि यूपी के शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की द्वारा कथित तौर पर आसाराम बापू पर जोधपुर स्थित अपने आश्रम में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए गए थे। आश्रम में जिस समय पीड़िता रह रही थी तब वह 16 साल की थी। दिल्ली के कमला मार्केट थाने में यह मामला दर्ज कराया गया था और उसके बाद जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया। उन पर पॉक्सो और एससी/एसटी ऐक्ट के तहत कानून की धाराएं लगाई गई हैं। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।

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