तो इसलिए बबल रैप को फोड़ने में आती हैं मजा, जानेनिसके पीछे का ये मजेदार कारण

 इंसान चाहे उम्र में कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए, बच्चों जैसी हरकत करने के लिए वह मौके और दस्तूर का इंतज़ार नहीं करता। बचपन की कुछ खास आदतों में एक काफी खास है, क्योंकि हम उम्र के इस पड़ाव में भी इस
आदत को नहीं छोड़ पाए हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं बबल रैप को फोड़ने की। बचपन में जब हमारे घर में कोई चीज़ आती थी जो बबल रैप में पैक होती थी, तो हम उस बबल रैप को तब तक नहीं फेकते थे, जब तक कि उसमें मौजूद सभी बबल फूट न जाएं। आज भी यदि हम कोई सामान मंगवाते हैं, जो बबल रैप में आता है.. तो भी हम उसके सभी बबल फोड़ने लगते हैं।

लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इसके पीछे ऐसी कौन सी वजह है जो हम उम्र के इस पड़ाव में भी बच्चों वाली हरकतें नहीं छोड़ पाए हैं। बबल रैप को देखते ही हमारे मन में एक अलग सी हलचल होने लगती है, जो हमें उसके सभी बबल को फोड़ने के लिए उत्तेजित करने लगती है। कई बार तो ऐसा भी होता है कि हम बबल फोड़ने के चक्कर में अपना कीमती सामान भी नहीं देखते हैं। चलिए अब हम आपको इस पूरी उत्सुकता के पीछे की असली वजह बता देते हैं। दरअसल, एक शोध में मालूम चला कि हमारे हाथ में जब कभी भी कोई स्पंजी टाइप की छोटी चीज़ आती है तो हमारे हाथों में एक खास तरह की खलबली मचने लगती है, जो ऐसी चीज़ों को फोड़ने के लिए मजबूर कर देती हैं।

इसके अलावा जब हम काफी तनावग्रस्त होते हैं तो ऐसी स्थिति में भी ऐसी छोटी स्पंजी चीज़ों को पकड़ने से हमें काफी सुकून मिलता है। इतना ही नहीं जब हम इन बबल्स को फोड़ना शुरू कर देते हैं तो हमें ऐसे और भी बबल्स को फोड़ने का मन करता है। जो एक अच्छी बात है, क्योंकि ऐसे हालातों में बबल्स को फोड़ने से हमारा तनाव कम होता है और हमें सुकून की प्राप्ती होती है। इसके अलावा शोध में बताया गया है कि ये बबल रैप इतने आकर्षित होते हैं कि हमारा सारा ध्यान इन्हें फोड़ने पर ही लगा रहता है, तो एक वजह यह भी है कि हम इसमें इतने मस्त हो जाते हैं।

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