अब तक 70 AK-47 राइफल बेच चुका है रिटायर्ड फौजी, ऐसे हुआ खुलासा

मध्य प्रदेश के जबलपुर में पुलिस ने एक रिटायर्ड फौजी पुरुषोत्तम लाल रजक को गिरफ्तार किया है, जिसने देशभर में बदमाशों और आतंकियों को 70 AK-47 राइफल बेच डाली. लाखों के वारे न्यारे कराने वाले आरोपी पुरषोत्तम का बेटा शीलेन्द्र भी इस गोरखधंधे में उसके साथ मिलकर देश से गद्दारी कर रहा था. देश के इस दुश्मन का खुलासा बिहार में एक बदमाश के पकड़े जाने के बाद हुआ.

जबलपुर के पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी पुरुषोत्तम लाल काफी समय से इस धंधे में शामिल था. वो सेना में काम कर चुका है. दरअसल, बिहार के मुंगेर ज़िले में पुलिस ने इमरान नामक एक शख्स को गिरफ्तार किया था. उसी ने सेना के खतरनाक हथियारों की खरीद फरोख्त का धंधा करने वाले पुरुषोत्तम का राज पुलिस के सामने उगल दिया.

पुलिस ने एके 47 बेचने वाले पुरुषोत्तम लाल रजक के अलावा उसके बेटे को भी गिरफ्तार किया है. इनके पास से पांच प्रतिबंधित बोर के कारतूस, रायफल सुधारने के उपकरण, 6 लाख रुपये की नकदी और इनोवा, इंडिका कार बरामद हुई है. एसपी अमित के मुताबिक पुरुषोत्तम का गिरोह साल 2012 से अब तक 70 से ज्यादा एके 47 राइफल बेच चुका है.

पुलिस अधीक्षक अमित के अनुसार पुरुषोत्तम लाल रजक सेना में राइफल मरम्मत का काम करता था. जिस हुनर का इस्तेमाल पुरुषोत्तम अब तक देश के लिए करता रहा. उसी को उसने काली कमाई का जरिया बना लिया. सेना में रायफल सुधारते सुधारते उसने एके 47 बेचने का ऐसा नेटवर्क तैयार कर लिया कि उसने 70 से ज्यादा रायफलें बेच डाली.

जांच में पता चला कि पुरुषोत्तम लाल इस गोरखधंधे को चलाने के लिए सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो में तैनात सुरेश ठाकुर नामक एक कर्मचारी की मदद लिया करता था. दरअसल, जबलपुर में रक्षा मन्त्रालय की कई फैक्ट्रियां और गोदाम हैं. जहां सेना के लिए गोला बारूद और हथियार बनाए जाते हैं.

पुलिस ने सुरेश ठाकुर को भी गिरफ्तार कर लिया. वह जबलपुर के सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो में तैनात था. उसके पास एके47 सहित कई बेकार हो चुके खतरनाक हथियारों को गोदाम में रखने की जिम्मेदारी थी. आरोपी सुरेश ठाकुर सीओडी फैक्ट्री का अधिकारी होने के पूरा फायदा उठाकर अपनी गाड़ी में बेकार हो चुकी AK47 चुराकर ले जाता था और शातिर पुरुषोत्तम लाल को दे देता था.

चुराई गई बेकार AK47 को शातिर पुरुषोत्तम लाल रजक फिर से सुधारकर सही करता और फिर उसे अपने ग्राहकों को साढ़े चार लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक बेच देता था. उसके ग्राहकों में बिहार के मुंगेर से पकड़ा गया इमरान भी शामिल था.

पुरुषोत्तम लाल ने साल 2012 से एके47 बेचने का ऐसा सिलसिला शुरू किया फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 506 आर्मी बेस वर्कशॉप में सेना के आर्मरर के पद पर पोस्टिंग के दौरान पुरुषोत्तम एके47 सुधारने का काम करता था और इसे इस काम में उसे महारत हासिल थी. पुरुषोत्तम ने 2008 में आर्मी से रिटायर होने के बाद रुपये कमाने के लालच और महंगे शौक पूरा करने के लिए आर्मी से रिटायर हुए अपने साथी आर्मरर नियाजुल हसन निवासी मुंगेर के जरिये इमरान और शमशेर सिंह के संपर्क किया.

फिर पुरुषोत्तम ने इन लोगों के साथ मिलकर देश की सुरक्षा में काम आने वाली AK47 को देश के दुश्मनों तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया. एके47 बेचने के इस गोरखधंधे में पुरषोत्तम अपने बेटे शीलेन्द्र और पत्नी चंद्रवती रजक की भी मदद लिया करता था. मुंगेर से इमरान की गिरफ्तारी के बाद पुरुषोत्तम के इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो गया. पुलिस ने पुरुषोत्तम के साथ उसके बेटे शीलेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसकी पत्नी चंद्रवती अभी तक फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.

एके-47 बेचकर गिरोह के सरगना पुरुषोत्तम लाल ने अकूत दौलत जमा कर ली थी. पुलिस ने जब उसके ठिकानों पर छापेमारी की तो लाखों की नकदी, प्रतिबंधित बोर के कारतूस, रायफल सुधारने के उपकरण, कारों के अलावा वहां से महंगी शराब की बोतलें और कई संपत्तियों के कागजात भी जब्त किए गए हैं.

एक्स आर्मीमैन पुरुषोत्तम ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. जल्द ही एनआईए और आईबी सहित आर्मी इंटेलिजेंस और एटीएस की टीम भी पुरुषोत्तम लाल सहित पकड़े गए सभी आरोपियों से पूछताछ करेंगी. पुलिस और एजेंसियां देश में फैले इनके नेटवर्क का पता लगाकर उसे ध्वस्त करने की कोशिश करेंगी.

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