इमरान के शपथ ग्रहण समारोह में Pok के राष्‍ट्रपति के साथ सिद्धू के बैठने पर बढ़ा विवाद

इस्‍लामाबाद/नई दिल्‍ली : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्‍तान के 22वें प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. इस्‍लामाबाद स्थित राष्‍ट्रपति भवन में सुबह साढ़े 9 बजे शुरू हुए शपथ ग्रहण समारोह में राष्‍ट्रपति ममनून हुसैन ने उन्‍हें शपथ ग्रहण करवाई. उनके शपथ ग्रहण समारोह में भारत से नवजोत सिंह सिद्धू भी गए थे.

वहां सिद्धू ने पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलकर मुलाकात की. इतना ही नहीं, समारोह में वह पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (Pok) के राष्‍ट्रपति मसूद खान के बगल में भी बैठे. इससे देश में नया विवाद खड़ा हो गया है. इसे लेकर लोग सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना कर रहे हैं.

क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू, प्रधानमंत्री के रूप में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने शुक्रवार को पाकिस्तान पहुंचे थे. सिद्धू शुक्रवार को वाघा सीमा के जरिए लाहौर पहुंचे. लाहौर में संवाददाताओं से बातचीत में सिद्धू ने कहा, “मैं अपने मित्र (इमरान) के आमंत्रण पर पाकिस्तान आया हूं. यह बहुत खास क्षण है.”

उन्होंने कहा, “खिलाड़ी और कलाकार दूरियां (देशों के बीच) मिटा देते हैं. यहां पाकिस्तानी लोगों के लिए प्यार का संदेश लेकर आया हूं.” सिद्धू ने ‘हिंदुस्तान जीवे, पाकिस्तान जीवे!’ का नारा लगाया. उन्होंने इमरान खान की अगुआई में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार द्वारा देश में आने वाले बदलाव का स्वागत किया.

मसूद खान पीओके के 27वें राष्‍ट्रपति हैं. खान ने 1980 में पाकिस्‍तान की विदेश सेवा को ज्‍वाइन किया था. इसके बाद वह कई राजनयिक पदों पर रहे. वह 2003 से 2005 तक पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रहे. वह 2008 से 2012 तक चीन में पाकिस्‍तान के राजदूत के रूप में रहे.

इसके बाद उन्‍होंने 2015 से 2016 तक इंस्‍टीट्यूट ऑफ स्‍ट्रैटजिक स्‍टडीज इस्‍लामाबाद के डायरेक्‍टर जनरल के तौर पर कार्य किया. बता दें कि इस्‍लामाबाद का यह थिंकटैंक पाकिस्‍तान के उन क्षेत्रीय और वैश्विक रणनीतिक मामलों पर गहराई से विश्‍लेषण करके जानकारी मुहैया कराता है, जो अंतरराष्‍ट्रीय शांति और सुरक्षा को प्रभावित करते हैं.

बता दें मसूद खान जिस Pok के राष्‍ट्रपति हैं, उसे लेकर भारत और पाकिस्‍तान के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. भारत के इस हिस्‍से पर पाकिस्‍तान अपना हक जताता है. साथ ही वह इस क्षेत्र से भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराता है. इसके प्रमाण भी मिल चुके हैं. इस इलाके में पाकिस्‍तान की सरपरस्‍ती में आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण कैंप भी संचालित होते हैं.

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