सुनंदा पुष्कर मामले में शशि थरूर को पटियाला हाउस कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

कांग्रेस नेता शशि थरूर को अग्रिम जमानत मिल गई है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने थरूर को 1 लाख रुपये के मुचलके पर अग्रिम जमानत दी है. अदालत ने थरूर को साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करने और उसकी अनुमति के बगैर देश नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं.सुनंदा पुष्कर मामले में शशि थरूर को पटियाला हाउस कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

थरूर को मिली अग्रिम जमानत पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने टिप्पणी की है. स्वामी ने कहा, “इसमें थरूर के लिए खुश होने जैसा कुछ नहीं है. वह तिहाड़ जेल में नहीं हैं, वह राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ बैठ सकते हैं जो बेल वाले हैं.” स्वामी ने कहा, “हां देश के बाहर नहीं जा सकते और विश्व भर के कई हिस्सों में अपनी महिला मित्रों को नहीं देख सकते.”

3 जुलाई को थरूर ने पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट में अर्जी दी थी. इस मामले मे थरूर को पहले ही बतौर आरोपी समन किया जा चुका है. थरूर ने वकील विकास पाहवा के माध्यम से दायर अर्जी में कहा था कि गिरफ्तारी के बिना ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है. हालांकि, एसआईटी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जांच पूरी हो गई है और हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है. सुनंदा 17 जुलाई 2014 को दिल्ली के एक आलीशान होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं. थरूर पर IPC की धारा 498 ए (पति या रिश्तेदार के हाथों महिला की प्रताड़ना) और 306 (आत्महत्या क लिए उकसाना) के तहत आरोप लगाये गए हैं.

करीब 3000 पन्नों के आरोपपत्र में पुलिस ने थरूर को एकमात्र आरोपी बताते हुए आरोप लगाया है कि वह अपनी पत्नी को प्रताड़ित करते थे. दंपति का घरेलू सहायक नारायण सिंह इस मामले में मुख्य गवाह है. धारा 498 ए के तहत अधिकतम तीन साल कैद जबकि 306 के तहत अधिकतम 10 साल कैद की सजा का प्रावधान . दिल्ली पुलिस ने सुनंदा की मौत के सिलसिले में एक जनवरी , 2015 को अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया था. सूत्रों के अनुसार, आरोपपत्र में कहा गया है कि सुनंदा को मानसिक और शारिरिक दोनों रूपों में प्रताड़ित किया जाता था. थरूर की इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई है.
Back to top button