पाक असेंबली में शरीफ के खिलाफ राजद्रोह के केस का प्रस्ताव

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के आतंकवाद का समर्थन वाले बयान के बाद पाकिस्तान में उठा तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को यहां की तीन प्रांतों की असेंबलियों ने शरीफ पर राजद्रोह का केस चलाने की मांग की है। मुंबई हमले में पाक आतंकी के शामिल होने के उनके हालिया विवादास्पद बयान के खिलाफ तीन प्रांतों की असेंबली ने एक संकल्प भी पारित किया है।

प्रस्ताव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने कहा कि शरीफ को गद्दार ठहराया जाए। इसके अलावा लाहौर हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर कर शरीफ के खिलाफ राजद्रोह के आरोप में कार्रवाई की भी मांग की गई है। शरीफ के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत एफआइआर दर्ज करने के लिए भी लाहौर के पुलिस स्टेशनों में दो आवेदन दिए गए हैं।

पंजाब की असेंबली में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की अगुआई में विपक्ष ने भारत समर्थित बयान के लिए नवाज शरीफ पर कार्रवाई की मांग की। पीटीआइ के नेता आरिफ अब्बासी ने कहा कि शरीफ के बयान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की स्थिति कमजोर की है। उन्होंने भारतीय कारोबारी जिंदल के साथ शरीफ के रिश्ते की जांच के लिए जेआइटी बनाने की मांग की है।

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इधर, सिंध की असेंबली में पारित संकल्प में शरीफ के बयान की निंदा करते हुए उनसे गैरजिम्मेदाराना बयान के लिए माफी मांगने की मांग की गई है। दूसरी तरफ खैबर पख्तूनख्वा की असेंबली ने भी राजद्रोह का केस चलाने की मांग करते हुए संकल्प में शरीफ के बयान की कड़ी निंदा की। प्रस्ताव में कहा गया है कि शरीफ के बयान से लोगों को गहरा धक्का लगा।

साथ ही पाकिस्तानी हितों को काफी नुकसान पहुंचा है। बता दें कि पनामा पेपर्स में नाम आने के बाद जुलाई 2017 में नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट ने उनके पद से अयोग्य करार दिया था। उन्होंने पिछले हफ्ते एक साक्षात्कार में पाकिस्तान की नीति पर सवाल उठाया था और पाक में प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा देने की बात कही थी। तब उनकी टिप्पणियों के बाद विवाद शुरू हो गया था। बीते दिन पाक एनएससी ने भी शरीफ के बयानों की निंदा करते हुए उन्हें निराधार बताया था।

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