मिर्गी जैसी गंभीर बीमारी सिर्फ इंसानों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी होती है..

मिर्गी इन दिनों एक गंभीर समस्या बनी हुई है। सिर में लगी चोट, ब्रेन स्ट्रोक आदि की वजह से यह बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले सकती है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को दौरे पड़ते हैं, जो मामूली होने के साथ ही गंभीर रूप ले सकते हैं। ऐसे में लोगों के बीच इसे लेकर जागरूकता फैलाना काफी जरूरी है। इसी मकसद से हर साल पूरे देश में 17 नवंबर को नेशनल एपीलेप्सी डे मनाया जाता है।

यह एक ऐसी बीमारी है, जो पीड़ित के नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह बीमारी सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि जानवरों को भी हो सकती है। कुत्ते और बिल्लियों में मिर्गी के मामले देखने को मिलते हैं। ऐसे में अगर आप भी एक पेट पेरेंट हैं और आपका पालतू जानवर भी इस बीमारी का शिकार है, तो इन टिप्स की मदद से आप उसे बेहतर तरीके से संभाल पाएंगे और उनकी देखभाल कर पाएंगे।

  1. घर पर हमेशा आइज पैक रखें। मिर्गी का दौरा पड़ने की वजह से शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है। ऐसे में अपने पेट की पीठ पर आइज पैक रखने से मिर्गी के दौरे रोकने में भी मदद मिलेगी।
  2. अगर आपका पेट मिर्गी का मरीज है, तो घर पर हमेशा सीबीडी (CBD) ऑयल भी रखें। दौरा पड़ने के दौरान मुंह में इसकी कुछ बूंदे इसे रोकने में काफी हद तक मददगार साबित होगी। यह तेल भारत में वैध है।
  3. अगर आप एक ऐसे पेट के मालिक हैं, जिसे मिर्गी की बीमारी है, तो जितना हो सके अपने पालतू जानवर के लिए स्ट्रेसफुल हालात न बनने दें। ज्यादा एक्सरसाइज, घूमना और अचानक नई चीजे खिलाना आपके पेट के लिए हानिहारक हो सकता है।
  4. मिर्गी के शिकार अपने पेट के लिए खाने में रोजमैरी का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। रोजमैरी को मिर्गी के मरीजों के लिए ट्रिगर माना गया है।
  5. जितना हो सके अपने पेट को हाई प्रोटीन युक्त खाना खिलाएं। प्रोटीन से भरपूर खाना खाने से आपके पालतू जानवर का पेट अच्छा रहेगा, जिससे उसकी सेहत भी अच्छी बनी रहेगी।
  6. आप अपने पेट के लिए घर पर जेलेटिन भी बना कर रख सकते हैं और हर रोज इसका एक टुकड़ा पेट को खिला सकते हैं। जेलेटिन को नर्वस सिस्टम और जोड़ों के उपचार के लिए भी जाना जाता है।
  7. मिर्गी से पीड़ित अपने पेट के खाने में कार्बोहाइड्रेट शामिल करने के लिए कुछ सब्जियां खिला सकते हैं। इसके अलावा खाने में फाइबर भी शामिल करना फायदेमंद होगा।
  8. अगर आपके पेट को दौरा पड़ा है, तो इसके खत्म होने के बाद उन्हें खाने और पीने को दें, क्योंकि दौरे के बाद उन्हें भूख और प्यास लग सकती है।
  9. दौरा पड़ने के बाद कोशिश करें कि आपके पेट को शांत और कम रोशनी वाला माहौल मिल सके। तेज रोशनी से उन्हें परेशानी हो सकती है। ऐसे में उन्हें शोर और रोशनी से दूर रखें और रिकवर होने का समय दें।
  10. अपने पेट की इस बीमारी के सिलसिले में वेट से हमेशा बातचीत करते रहें और हर समय यहां तक कि वॉक के दौरान भी जरूरी दवाइयां अपने साथ रखें।
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