असम सरकार ने बंद की विदेशी ट्रिब्यूनल के 200 सदस्यों की सेवाएं

असम की हेमंत बिस्वा सरमा सरकार ने शुक्रवार को विदेशी ट्रिब्यूनल के 200 अतिरिक्त सदस्यों की सेवाएं बंद करने का फैसला किया है. इन सदस्यों को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) से बाहर किए गए लोगों के दावों को स्पष्ट करने के लिए नियुक्त किया गया था. असम सरकार के राजनीतिक विभाग की ओर जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि असम के राज्यपाल ने अतिरिक्त 200 अपीलीय विदेशी ट्रिब्यूनल (Foreigners Tribunals) के सदस्यों की सेवाओं को बंद करने के लिए मंजूरी दी है

31 अगस्त 2019 को एनआरसी (NRC) लिस्ट सामने आई थी. इसमें करीब 19 लाख आवेदकों, जिनमें से कई को वास्तविक नागरिक कहा गया था, उन्हें इस लिस्ट से बाहर कर दिया गया था.

साल 2019 में हुई थी नियुक्ति

असम में 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित एनआरसी सूची से 19.06 लाख से अधिक लोग बाहर थे. छूटे हुए लोगों को अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए विदेशी ट्रिब्यूनल को स्थानांतरित करने का विकल्प दिया गया था. असम में वर्तमान में 100 विदेशी ट्रिब्यूनल हैं और 200 अतिरिक्त सदस्यों को सरकार की ओर से 2019 में नियुक्त किया गया था.

केंद्र को दो हफ्ते का वक्त

इससे पहले, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने असम एनआरसी की पूरक सूची में जोड़े गए करीब 27 लाख लोगों को आधार कार्ड जारी करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका में उठाए गए मुद्दे पर गौर करने के लिए केंद्र को दो हफ्ते का समय दिया था. अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि की ओर से सरकार से निर्देश लेने के लिए समय मांगने के बाद चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को 9 नवंबर के लिए स्थगित कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में क्या कहा था?

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने आदेश में कहा था कि अटॉर्नी जनरल (Attorney General) को मामले में उचित निर्देश लेने के लिए दो हफ्ते का समय दिया गया है. वह एक नोट डाल सकते हैं, ताकि अगली तारीख को मुद्दों का समाधान किया जा सके. असम की सरकार और केंद्र उन व्यक्तियों के बायोमेट्रिक्स तक पहुंच से इनकार कर रहे हैं, जिनके नाम 31 अगस्त, 2019 की पूरक सूची में शामिल किए गए हैं, और इसलिए वे उन लाभों का इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं हैं, जिनके वे हकदार होंगे.

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