एनएसयूआइ-एबीवीपी का क्रमिक अनशन खत्म

रामनगर: सभी छात्रों को प्रवेश की मांग को लेकर पीएनजी कॉलेज में चल रहा क्रमिक अनशन मंगलवार को प्राचार्य के आश्वासन पर समाप्त हो गया है। विधायक दीवान सिंह बिष्ट और एसडीएम परितोष वर्मा ने जूस पिलाकर कार्यकर्ताओं का अनशन तुड़वाया। दरअसल, पीएनजी कॉलेज में एबीवीपी और एनएसयूआइ कार्यकर्ता सभी छात्रों को दाखिला दिलाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर एबीवीपी और एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं ने  क्रमिक अनशन शुरू कर दिया था।  एनएसयूआइ-एबीवीपी का क्रमिक अनशन खत्म

वहीं, प्राचार्य हेमा प्रसाद ने बताया कि मामले को लेकर देहरादून में शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें सभी छात्रों को प्रवेश देने की बात कही गई है। प्राचार्य ने कहा कि इस आधार पर कॉलेज में सभी को प्रवेश दिया जाएगा। प्राचार्य ने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया भी जल्द शुरू कर दी जाएगी। दोनों संगठनों के छात्र नेताओं ने कहा कि उनके संघर्ष के बाद ये सफलता मिली है। इस दौरान नरेंद्र शर्मा, नवीन करकेती, सत्यप्रकाश शर्मा, संजय कुमार मौजूद रहे। 

एबीवीपी ने समाप्त किया धरना, महाविद्यालयों में होने लगे प्रवेश  

राजकीय महाविद्यालयों में मानक से अधिक प्रवेश कराने की मांग कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को राहत मिल गई है। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर अधिकारियों ने अधिकांश विद्यार्थियों को प्रवेश देने का वादा किया है। इसी के साथ कुमाऊं के तमाम महाविद्यालयों में 11 दिन से धरना-प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी कार्यकर्ता मान गए हैं।

उन्होंने अपना धरना समाप्त कर दिया है। एबीवीपी के जिला सह संयोजक अंकित टोलिया ने कहा कि मंत्री ने सभी विद्यार्थियों के हित में निर्णय लिया है। इसी के साथ महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। सुबह से ही महाविद्यालयों में प्रवेश को लेकर जबरदस्त भीड़ उमड़ी। एमबीपीजी कॉलेज में प्रवेश को लेकर मारामारी रही। इंदिरा प्रियदर्शनी राजकीय महिला वाणिज्य महाविद्यालय में भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है।  

30 फीसद और हो जाएंगे प्रवेश  

एमबीपीजी कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रेखा पांडे ने कहा कि उन्हीं विषयों में सीटें बढ़ाई जाएंगी, जिनमें शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इस आधार पर विभिन्न विषयों 20 से 30 फीसद और विद्यार्थियों के प्रवेश हो सकते हैं।  

ऑफ लाइन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं 

कुमाऊं विश्वविद्यालय को ऑफलाइन प्रवेश देने को लेकर निर्णय करना है। फिलहाल, इस तरह के प्रवेश की स्थिति स्पष्ट नहीं है। 

एमबीपीजी कॉलेज में बीए में है दबाव 

एमबीपीजी कॉलेज में बीए में करीब 1250 सीटें हैं। इसके लिए तीन हजार से अधिक आवेदन आए हैं। बीए में प्रवेश दिलाने को लेकर ही छात्रनेताओं का अधिक दबाव है।

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