क्या आप वाकिफ है गिरगिट के रंग बदलने के पीछे के रहस्य को

दुनिया बड़ी मतलबी हो गई है। हम अपने स्वार्थ के लिए किसी का भी नुकसान करने को तैयार रहते हैं। झूठ भी बोलते हैं और अपने मतलब के लिए किसी को भी भला बुरा कहने में नहीं चूकते। इसके लिए एक कहावत चलती है कि लोग अब गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि वाकई गिरगिट रंग क्यों बदलता है और कैसे बदलता है। इसके पीछे क्या राज है, क्या रहस्य है। तो हम आज आपको बताते हैं कि गिरिट अपनी सुरक्षा के लिए ऐसा करता है। गिरगिट दुश्मनों से रक्षा करने के लिए रंग बदलने का सहारा लेता है।

इसके लिए उसके शरीर की सरंचना को जानना होगा। गिरगिट की त्वचा में खास रंजक कोशिकाएं होती हैं और गिरगिट इन्हें अपनी सुविधा के अनुसार बदलाव करने में समर्थ होता है। तापमान बढ़ने और घटने पर इन कोशिकाओं में बदलाव होता रहता है और ये सिकुड़ती रहती हैं, फैलती रहती हैं। यही नहीं गिरगिट के शरीर से कुछ हार्मोन्स निकलने पर कोशिकाएं रंग बदलने लगती हैं। त्वचा में ऊपर से नीचे पीली, गहरी भूरी, काली, सफेद कोशिकाएं होने से गिरगिट रंग बदलने में कामयाब रहता है।

जब मौसम में तापमान कम होता है तो गिरगिट का रंग गहरा हो जाता है और जब तापमान बढ़ता है तो उसका रंग हल्का होने लगता है। यही नहीं जो गिरगिट पेड़ पौधों के नजदीक रहते हैं, उनके शरीर का रंग उनमें ढल जाता है। इसीलिए उसका शिकार करना आसान नहीं होता। अक्सर हम देखते हैं कि गिरगिट हमारे आसपास होने पर भी देख नहीं पाते। गौर से देखने पर या फिर कोई हलचल होने पर ही नजर जाती है। इसीलिए कहा जाता है कि अब मनुष्य भी गिरगिट की तरह रंग बदलने लगा है। यानि जैसा मौका होता है, उसमें अपने को ढालने की कोशिश करता है ताकि वो अपने को बचाने में कामयाब रहे।

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