सिंधिया का दावा- मध्य प्रदेश में कांग्रेस जीती तो दोबारा सीएम बन जाएंगे दिग्विजय सिंह

इंदौर। भाजपा के राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर आगामी उपचुनावों में कांग्रेस को जीत हासिल होने पर इस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह एक बार फिर परदे के पीछे मुख्यमंत्री बन जाएंगे। छह महीने पहले पाला बदलने वाले सिंधिया ने पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की नेतृत्व क्षमता पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि उनका रिमोट कंट्रोल अब भी दिग्विजय के हाथ में ही है। वह इंदौर से 40 किलोमीटर दूर सांवेर विधानसभा क्षेत्र में कुल 2664 करोड़ रुपए लागत के विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे। सांवेर उन 28 विधानसभा सीटों में शामिल है जहां उपचुनाव होने हैं।
सिंधिया ने वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में कहा, आप (मतदाता) याद रखना कि आगामी उपचुनावों में हाथ के पंजे (कांग्रेस का चुनाव चिह्न) पर पड़ने वाला हरेक वोट दिग्विजय सिंह को परदे के पीछे दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के काम आएगा। उन्होंने दिग्विजय और कमलनाथ को बड़े भाई और छोटे भाई की कांग्रेसी जोड़ी बताते हुए कहा, राज्य में साल 2018 के विधानसभा चुनावों की तरह अब भी परदे के पीछे दिग्विजय ही हैं। कमलनाथ का रिमोट कंट्रोल अब भी दिग्विजय के ही हाथ में है।
गौरतलब है कि सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर बीजेपी में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का 20 मार्च को पतन हो गया था। इसके बाद चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आई थी। आगामी विधानसभा उप चुनावों के तेज होते प्रचार के दौरान सिंधिया और छह महीने पहले उनके साथ पाला बदलने वाले बागी विधायकों को कांग्रेस द्वारा ‘गद्दार’ बताया जा रहा है।
राज्यसभा सदस्य सिंधिया ने पलटवार करते हुए कहा, आज वे (दिग्विजय और कमलनाथ) मुझे गद्दार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नालायक कह रहे हैं, लेकिन सच यह है कि पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान अपने घोषणा पत्र को धर्मग्रंथ बताने वाली पार्टी (कांग्रेस) ने सत्ता में आने के बाद सूबे के साढ़े सात करोड़ लोगों से गद्दारी की, सिंधिया ने कहा, पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान उन्होंने (राहुल गांधी) कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर 10 दिन के भीतर सूबे के हर किसान का कर्ज माफ हो जाएगा, लेकिन यह वादा भी निभाया नहीं गया।