SC ने एनकाउंटर पर योगी सरकार को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से प्रदेश में हुए एनकाउंटर पर जवाब मांगा है. दरअसल, यूपी पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की योगी सरकार से यह मांग की है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एनएचआरसी को नोटिस जारी करने से इंकार कर दिया है.SC ने एनकाउंटर पर योगी सरकार को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की एक खंडपीठ ने पीयूसीएल द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को नोटिस जारी किया है.

बता दें कि मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन पीयूसीएल (पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी) ने उत्तर प्रदेश में 500 एनकाउंटर और 58 लोगों की मौत की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में पीयूसीएल ने सीबीआई और एसआईटी की स्वतंत्र टीम से यूपी में हुए एनकाउंटर की जांच कराने की मांग की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से जवाब मांगा है.

500 एनकाउंटर और 58 मौत पर उठे सवाल

सुनवाई के दौरान पीयूसीएल के वकील संजय परीख ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में हाल ही में 500 एनकाउंटर किए गए हैं, जिसमें कुल 58 लोग मारे गए हैं. बता दें कि अपनी याचिका में पीयूसीएल ने एनकाउंटर को फर्जी भी बताया था. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी. प्रदेश सरकार के वकील ऐश्वर्या भाटी को पुलिस मुठभेड़ों की जांच के लिए पीयूसीएल के PIL की एक कॉपी दी जाएगी, जिसके आधार पर प्रदेश सरकार जवाब देगी.

हालांकि, खंडपीठ ने उस याचिका को अस्वीकार कर दिया जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को भी इस मामले में पक्षकार बनाने की बात कही गई थी. बता दें कि NHRC ने पहले ही यूपी में हुए एनकाउंटर के मुद्दे पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था.

12 साल में 1300 से ज्यादा एनकाउंटर

गौर हो कि उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ द्वारा अपराधियों के खिलाफ शुरू किया गया ऑपरेशन ऑलाउट बदस्तूर जारी है. यूपी पुलिस ने अब तक करीब 58 अपराधियों को मार गिराया है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले 1 साल में 1350 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं. यानी हर महीने 100 से भी ज़्यादा एनकाउंटर. इस दौरान 3091 वॉन्टेड अपराधी गिरफ्तार किए गए. जबकि 43 अपराधियों को मार गिराया गया. यूपी पुलिस का दावा है कि मरने वाले बदमाशों में 50 फीसदी इनामी अपराधी थे. जिन्हें पुलिस शिद्दत से तलाश रही थी.

यूपी पुलिस के इन आंकड़ों ने अपराधियों में इस कदर खौफ भर दिया कि पुलिस एक्शन के डर से पिछले 11 महीने में करीब 5409 अपराधियों ने बाकायदा अदालत से अपनी जमानत ही रद्द कराई है. ताकि ना वो बाहर आएं और ना गोली खाएं.

सूबे का मुंख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद योगी आदित्यनाथ ने सूबे की पुलिस के हाथ खोल दिए और प्रदेश से क्राइम खत्म करने के लिए ऑपरेशन ऑलाउट चलाया, जो कि तमाम विरोधी दलों की उठती आवाजों के बीच बदस्तूर जारी है. हालांकि ऐसा भी नहीं है कि एनकाउंटर की झड़ी लगने से यूपी के क्राइम ग्राफ में कोई बहुत भारी कमी आ गई हो.

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