रूढ़िवादी सोच को सऊदी अरब ने कहा ‘बाय-बाय’, पहली बार स्टेडियम में हुआ महिलाओं का ‘वेलकम’

वॉशिंगटन डीसी। अपनी रूढ़ीवादी सोच को पीछे छोड़कर सऊदी अरब बदलाव की सोच लेकर आगे बढ़ रहा है। जहां साल 2017 सऊदी अरब की महिलाओं के लिए परिवर्तनकारी रहा, वहीं 2018 की शुरुआत भी लैंगिक समानता के साथ हुई। सऊदी अरब में पहली बार महिलाओं ने स्टेडियम में बैठकर फुटबॉल मैच का लुत्फ उठाया। शुक्रवार को जेद्दाद में दो स्थानीय टीमों के बीच फुटबॉल मैच देखने पहुंचीं महिलाओं के लिए पहली बार स्टेडियम के दरवाजे खुले। हालांकि राजा अब्दुल्ला स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम में महिलाओं के बैठने के लिए अलग से ‘परिवार दीर्घा’ बनाए गए। वे ‘फैमिली गेट’ से स्टेडियम में दाखिल हुईं और ‘फैमिली सेक्शन’ में ही बैठकर मैच का मजा उठाया। महिलाएं काफी उत्साहित नजर आईं और उन्होंने जमकर सेल्फी भी ली। साथ ही अपनी पसंदीदा टीम की हौसला अफजाई भी की।

रूढ़िवादी सोच को सऊदी अरब ने कहा 'बाय-बाय', पहली बार स्टेडियम में हुआ महिलाओं का 'वेलकम'

महिलाओं के स्वागत के लिए मौजूद थीं महिला कर्मचारी 

जेद्दाह के स्टेडियम में महिलाओं का स्वागत के लिए महिला कर्मचारियों को तैनात किया गया था। महिला प्रशंसकों और महिला कर्मचारियों ने पारंपरिक परिधान अबाया पहन रखा था। पहली बार स्टेडियम जाकर मैच देखने के लिए महिलाए काफी उत्साहित दिखी। सऊदी अरब के इस फैसले के पूरे विश्व ने सराहा। 

13 और 18 जनवरी को भी महिलाएं देख सकेंगी मैच

बता दें कि शुक्रवार को सऊदी के सूचना मंत्रालय ने बताया था कि महिलाएं जिस फुटबॉल मैच को पहली बार स्टेडियम में देखेंगी वह अल-अह्ली और अल बातिन के बीच होगा। इसके बाद 13 जनवरी और फिर 18 जनवरी को भी महिलाए स्टेडियम में जाकर मैच देख सकेंगी। इनमें से पहला मैच रियाद, दूसरा जेद्दा और तीसरा दम्माम में खेला जाएगा।

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अगुवाई में बदलाव

अक्टूबर 2017 में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ‘नेशनल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम 2020’ और ‘विजन 2030’ पर काम किया। जो 21वीं सदी में सऊदी अरब को वैश्विक नेतृत्व के रूप में उभारने के लिए शहजादा मोहम्मद बिन सलमान के सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों की श्रृंखला का हिस्सा हैं , इसी कड़ी में लैंगिक समानता भी शामिल है।

सऊदी जनरल स्पोर्ट्स अथॉरिटी ने कहा कि उसने परिवारों के लिए एक आकर्षक खेल वातावरण बनाने और उनकी गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक तैयारी की थी। सऊदी अरब जो दुनिया में एकमात्र ऐसा देश था, जहां महिला के कार चलाने पर प्रतिबंध था। लेकिन पिछले साल महिलाओं को ड्राइव करने की अनुमति दे दी गई।

महिलाओं के लिए बदला सऊदी अरब का नजरिया

– सऊदी अरब की महिलाओं को देश के कुछ स्टेडियम में प्रवेश करने की इजाजत दी गई है

– शुक्रवार को जेद्दाह में ही पूरी तरह महिला ग्राहकों के लिए समर्पित देश का पहला कार शोरूम खोला गया

– पिछले सितंबर में जारी आदेश के तहत इसी साल जून महीने से महिलाओं को पहली बार कार चलाने की इजाज़त भी मिल जाएगी

– सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार स्कूलों में लड़कियों को खेल में हिस्सा लेने और शारीरिक शिक्षा हासिल करने की अनुमति मिलेगी

– सामाजिक परिवर्तनों की इसी दिशा में जल्द ही पवित्र शहर मदीना की नगरपालिका को महिलाएं संचालित करती नजर आएंगी

Back to top button