सनातन परंपरा में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत प्रथम पूजनीय भगवान श्री गणेश जी की पूजा से की जाती है। गणपति सभी विघ्न बाधाओं को दूर कर अपने साधक के कार्यों को शुभ और संपन्न बनाते हैं। भगवान गणेश को रिद्धि-सिद्धि और बुद्धि का देवता माना जाता है। घर आज संकष्टी चतुर्थी पर शत्रुओं पर विजय पाने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए करें अष्ट विनायक के दर्शन।
गणपति की साधना अराधना के लिए देश-दुनिया में तमाम मंदिर हैं लेकिन इनमें महाराष्ट्र में स्थित अष्टविनायक का विशेष स्थान है। यह आठ अति प्राचीन मंदिर भगवान गणेश के आठ शक्तिपीठ भी कहलाते हैं। इन मंदिरों में गणपति की 8 स्वयंभू प्रतिमाएं विराजित हैं। इन पवित्र प्रतिमाओं के प्राप्त होने के क्रम के अनुसार ही अष्टविनायक की यात्रा भी की जाती है।
1. श्री मयूरेश्वर , मोरगाओं
2. श्री सिद्धिविनायक, सिद्धटेक –
3. श्री बल्लालेश्वर,पाली –
4. श्री वरद विनायक, महाड –
5. श्री चिंतामणि , थेऊर –
6. श्री गिरिजात्मजा , लेन्याद्री –
7. श्री विघ्नेश्वर , ओजार –
8. श्री महागणपति , रानझनगाव –