करणी सेना का बड़ा बयान कहा- पूर्वजों ने लाखों सिर कटाए, भंसाली को कालिख न पोतने देंगे

नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ का विवाद अब देश की राजधानी दिल्ली पहुंच गया है। इसके बाद दिल्ली से मुंबई भी पहुंचेगा। राष्ट्रीय करणी सेना ने घोषणा की है कि 12 जनवरी को लाखों की संख्या में देशभर से राजपूत मुंबई पहुंच कर सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी के कार्यालय का घेराव करेंगे। राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने बताया है कि देशभर के राजपूत 12 जनवरी को मुंबई पहुंच कर सेंसर बोर्ड के दफ्तर का घेराव करेंगे और सरकार को फिल्म रिलीज करने से रोकने पर मजबूर कर देंगे।करणी सेना का बड़ा बयान कहा- पूर्वजों ने लाखों सिर कटाए, भंसाली को कालिख न पोतने देंगे

सिनेमा हॉल के बाहर जनता कर्फ्यू लगेगा

वहीं, करणी सेना के लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा कि ‘पद्मावत’ फ़िल्म लोग देखने नहीं जाएंगे। सिनेमा हॉल के बाहर जनता कर्फ्यू लगेगा। दिल्ली में प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि संजय लीला भंसाली ने जब थप्पड़ खाया तो कहा ऐसी फिल्म बनेगी जिसपर राजपूतों को गर्व होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम 8 राज्यों में पहले से प्रतिबंधित है। हम फ़िल्म पर प्रतिबंध चाहते हैं।

प्रधानमंत्री से आग्रह हमारी भावनाओं को समझें

लोकेंद्र का कहना है कि 200 करोड़ में फ़िल्म बनी हैं, लेकिन इतिहास से तोड़मरोड़ कर पैसा कमाने की मशीन नहीं बनने देंगे। हमारे पूर्वजों ने लाखों लाख सिर कटाए, उसपर भंसाली को कालिख नहीं पोतने देंगे। प्रधानमंत्री से आग्रह है कि हमारी भावनाओं को समझें। 

दीपिका की नाक काटने की धमकी दी थी

राजपूत करणी सेना के महिपाल सिंह मकराना ने फिल्म ‘पद्मावती’ अब पद्मावत की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की नाक काटने की धमकी दी थी। एक वीडियो जारी कर कहा था कि राजपूत महिलाओं पर कभी हाथ नहीं उठाते, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम दीपिका के साथ वही करेंगे जो लक्ष्मण ने शूर्पणखा के साथ किया था। इसको लेकर काफी आलोचना भी हुई थी।

राजस्थान में बैन हुई फिल्म

इससे पहले राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने फिल्म के प्रदर्शन को बैन कर दिया है, लेकिन देश के दूसरे हिस्सों में 25 जनवरी को फिल्म के रिलीज होने की खबर आ रही है। इस बीच प्रसून जोशी का बयान आया है कि फिल्म में नाम बदलने के अलावा और कोई कट नहीं है, जिसके बाद करणी सेना नाराज है। फिल्म ‘पद्मावत’ के विरोध का झंडा थामने वाली करणी सेना राजस्थान के साथ अब पूरे भारत में जाना पहचाना नाम बन गया है। 

करणी सेना फिल्म पद्मावत से इससे पहले भी रियासत दौर के किरदारों पर फिल्म बनने पर विरोध जताया था। इस कड़ी में इस संगठन ने ‘जोधा अकबर’ फिल्म का प्रदर्शन रोकने की भी कोशिश की थी। 2006 में बनी करणी सेना ने दावा किया था कि उसके साढ़े सात लाख रजिस्टर्ड मेंबर राजस्थान में हैं। इसके सारे सदस्य 40 की उम्र के नीचे हैं। करणी सेना के फाउंडर लोकेंद्र सिंह कालवी हैं। 

बताया जाता है कि बीकानेर की करणी माता दुर्गा/ जगदम्बा का अवतार हैं। जोधपुर और बीकानेर की रियासतें उन्हें बहुत मानती रही हैं. उन्‍हीं आस्था और शक्ति से प्रेरित होकर संगठन का नाम करणी रखा गया था। यह भी सच है कि करणी सेना के अलावा भी कई संगठन हैं, जिनके नाम के पीछे ‘सेना’ शब्द जुड़ा हुआ है। इससे पहले विप्र समाज के लिए ‘परशुराम सेना’ सामने आई थी।

 
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