RSS प्रमुख मोहन भागवत की बदली भाषा, सैनिकों की शहादत को लेकर दिया चौंकाने वाला बयान

राम मंदिर निर्माण का मुद्दा हो या फिर सीमा पर सैनिकों की शहादत का सवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत और सरकार की भाषा में तालमेल कम नजर आ रहा है। आरएसएस प्रमुख ने सैनिकों की शहादत को लेकर सवाल उठाया है। भागवत का कहना है कि हम (सरकार) ठीक से काम नहीं कर रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राम मंदिर निर्माण के लिए केन्द्र सरकार को कानून बनाने या अन्य विकल्प पर विचार करने के लिए कहा। आरएसएस में नंबर दो भैय्या जी जोशी समेत संघ के अन्य नेताओं ने सरकार से इसकी उम्मीद जताई, लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार ने इसे साफ मना कर दिया। 

जनवरी के पहले सप्ताह में अपने इंटरव्यू में और जनवरी के दूसरे सप्ताह में भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री ने राम मंदिर निर्माण की दिशा में पहल न हो पाने का ठीकरा कांग्रेस तथा इसके वकीलों पर फोड़ा। प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया कि फिलहाल वह उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करेंगे। इसी तरह से मोहन भागवत ने पहली बार केन्द्र सरकार की कश्मीर, आतंकवाद और पाकिस्तान के साथ निबटने की नीति पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि कोई युद्ध नहीं हो रहा है। फिर इतने जवान क्यों शहीद हो रहे हैं। 

ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि हम अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। इसे ठीक किया जाना चाहिए। भागवत की यह चिंता सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कश्मीर, आतंकवाद और पाकिस्तान के साथ संबंध पर सवाल उठाती है। क्योंकि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा पर ही सबसे अधिक जवानों की शहादत हो रही है। 

बहुत बड़ा द्वंद है

संघ मामलों के जानकार सूत्र का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और संघ परिवार के बीच में बहुत बड़ा द्वंद चल रहा है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले पांच साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तथा राजनीतिक उद्देश्य के लिए संघ के अनुषांगिक संगठनों का बड़ा बलिदान कराया है। विश्व हिन्दू परिषद से लेकर अन्य को चुप कराया और भाजपा की राजनीति के अनुरुप संघ परिवार के अंग चले। अब मोहन भागवत चाहते हैं कि परिवार के लिए मोदी सरकार, भाजपा अध्यक्ष कुछ करे। वह राम मंदिर निर्माण आदि को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाएं। इसलिए दबाव बनाया जा रहा है। 

संघ मामलों के जानकार सूत्र का कहना है कि इस समय आरएसएस, प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष शाह के बीच में संवाद की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। दूरी बढ़ी है। 25 नवंबर और 9 दिसंबर को संघ के वृहत कार्यक्रम को लेकर अमित शाह अन्य चिंतित हुए थे। जब इसके बारे में पूछा गया तो विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने  कहा था कि 2019 का चुनाव होना है। इस पर अमित शाह ने कहा था कि यह चुनाव तो हम हार रहे हैं। इसके जवाब से बड़े नेता सन्न रह गए थे। 

राम मंदिर, गंगा और गाय का द्वंद
संघ के प्रचारक सूत्र का कहना है कि जहां भी संघ के कार्यकर्ता गली मोहल्ले में घूम रहे हैं, उनसे राम मंदिर, उ.प्र. में गाय और गौवंश, गंगा की सफाई पर सवाल पूछा जाता है। वह संघ बैठकों में लगातार अपनी चिंता बता रहे हैं। इससे एक स्थिति यह भी बन रही है कि संघ भाजपा के साथ रहेगा, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 की तरह सक्रिय नहीं रहेगा। बताते हैं संघ के भीतर एक बड़ा धड़ा मानकर चल रहा है कि अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी को भी 2019 के चुनाव संघ और संगठन की बहुत जरूरत नहीं पडेगी। वह अपनी क्षमता के आधार पर चुनाव जीत लेंगे।

भाजपा नेताओं की भी है भूमिका

नागपुर से गहरा संबंध रखने वाले सूत्र का कहना है कि भाजपा नेताओं का एक वर्ग संघ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह में दूरी बढ़ाने का भी काम कर रहा है। यह वर्ग लगातार इनके कामकाज, कामकाज के तरीके, चुनौतियों का सामना करने की नीति से पीडि़त है। रोजगार, अर्थ व्यवस्था, जम्मू-कश्मीर को लेकर नीति, राम मंदिर समेत अन्य मुद्दे पर सरकार और भाजपा के पक्ष को लेकर भी आलोचना कर रहा है। इसके कारण यह तल्खी और संवादहीनता बढ़ रही है। सूत्र का कहना है कि आप देखेंगे, पिछले एक दो महीनों से कुछ मंत्रालय के विशेष कामकाज की तारीख करने से केन्द्र सरकार के मंत्री और शीर्ष नेतृत्व परहेज कर रहा है। 

भाजपा नेता चुप

संघ प्रमुख के इस तरह के बयान पर भाजपा नेता चुप है। वह इस तरह की बातों पर कोई बयान नहीं देना चाहते। भाजपा के प्रवक्ता भी बचने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा नेता ऑफ द रिकार्ड संघ को सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन बताते हुए इसे केवल देश हित में की गई चिंता बताते हैं। अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगडिय़ा का कहना है कि भागवत को जनता को बताना चाहिए कि नरेन्द्र मोदी और भाजपा उनकी नहीं सुन रही है। वहीं कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि भागवत को भाजपा की नरेन्द्र मोदी सरकार की असलियत का पता चल चुका है। उन्हें एहसास हो रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भजपा को सफलता नहीं मिलने वाली है।

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