राबर्ट वाड्रा को लगा बड़ा झटका, आयकर विभाग ने कर वसूली के लिए जारी किया है नोटिस

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा से जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को आयकर विभाग के नोटिस की अनदेखी करना महंगा पड़ सकता है। कर चोरी के मामले में दूसरी बार नोटिस पर अमल नहीं करने पर विभाग कंपनी की परिसंपत्ति को अटैच करने की तैयारी में है।राबर्ट वाड्रा को लगा बड़ा झटका, आयकर विभाग ने कर वसूली के लिए जारी किया है नोटिस

आईटी अधिकारियों का कहना है कि आईटी के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट एक बार खारिज कर चुका है और जरूरत पड़ी तो कंपनी की परिसंपत्ति को भी अटैच किया जाएगा। कंपनी की करीब 43 करोड़ रुपये की आय पर कर वसूली के लिए विभाग ने एक बार फिर से नोटिस भेजा है। स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी में राबर्ट वाड्रा की करीब 99 फीसदी हिस्सेदारी बताई जाती है। यदि इस मामले में आयकर विभाग की सख्ती बढ़ती है तो उनकी मुश्किल बढ़ सकती है।

कंपनी ने पहले भेजे गए नोटिस पर हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन दोनों अदालतों ने मामले को खारिज कर दिया था। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस मसले पर देश के शीर्ष न्यायालयों ने अपना मंतव्य बता दिया है। अब विभाग ने फिर से नोटिस तैयार कर भेज दिया है। यदि नियमानुसार कर की रकम जमा नहीं किया गया तो रिकवरी के लिए कंपनी से जुड़ी परिसंपत्ति को अटैच भी किया जा सकता है।

कर चोरी का यह है मामला

स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को आकलन वर्ष 2010-11 के दौरान कम आय दिखाने के लिए नोटिस भेजा गया है। कंपनी ने आलोच्य वर्ष के दौरान महज 37 लाख रुपये की ही आमदनी बताई थी, जबकि आयकर विभाग को पता चला है कि उस वर्ष कंपनी की आय करीब 43 करोड़ रुपये रही थी। अब उस आमदनी पर कर एवं जुर्माना आदि मिला कर 25.8 करोड़ रुपये का भुगतान करने को नोटिस दिया गया है। नोटिस में कंपनी को 30 दिन तक का वक्त दिया गया है।

राहुल की चुप्पी पर भाजपा ने मांगा जवाब

राबर्ट वाड्रा को आयकर नोटिस मामले में भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाया है। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के दौरान भगोड़े कारोबारी विजय माल्या और राबर्ट वाड्रा भ्रष्टाचार के प्रतीक बन गए थे और अब कानून से भागते फिर रहे हैं। वे अब असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वाड्रा को नोटिस पर अब राहुल क्यों चुप हैं? अब क्यों नहीं चिल्ला रहे हैं?

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