महाराष्ट्र: पानी की अफवाह पर औरंगाबाद में दंगा, दो की मौत; 40 घायल

मुंबई। महाराष्ट्र में औरंगाबाद की महानगरपालिका की ओर से एक समुदाय विशेष के धार्मिक स्थल का पानी काटे जाने की अफवाह के बाद शुक्रवार की रात को दो समुदायों में हुई सांप्रदायिक हिंसा में दो लोग मारे गए। 40 से अधिक लोग घायल हैं। पानी काटे जाने को लेकर दो गुटों में शुरू हुई बहस ने एकदम से सांप्रदायिक रंग ले लिया और औरंगाबाद दंगे की आग में झुलस गया। दंगाइयों ने कई वाहनों और दुकानों को आग लगा दी। दंगा रोकने आई पुलिस से हुई झड़प में कई पुलिस वाले भी घायल हुए हैं। शनिवार को दिन भर रहे तनावपूर्ण माहौल में सावधानी बरतते हुए शहर में धारा 144 लगा दी गई है और 100 लोगों को हिरासत में लिया गया है।महाराष्ट्र: पानी की अफवाह पर औरंगाबाद में दंगा, दो की मौत; 40 घायल

पुलिस सूत्रों के अनुसार शुक्रवार रात स्थानीय नगर निगम की ओर से एक इलाके का पानी काटे जाने के बाद यह अफवाह उड़नी शुरू हो गई कि एक धार्मिक स्थल का पानी भी काट दिया गया है। इसी मुद्दे पर दो समुदायों के युवकों में हुई बहस ने तनाव का रूप ले लिया। सोशल मीडिया के जरिए अफवाहें पूरे शहर में फैलने लगीं। 50 से ज्यादा दुकानों एवं कई वाहनों को आग लगा दी गई। पुलिस के भी तीन वाहन जला दिए गए। हिंसा पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रहे पुलिस बल को भी भी़ड़ का शिकार होना प़़डा। इसमें पुलिस के तीन जूनियर अधिकारियों सहित 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जबकि पुलिस की ओर से चलाई गई गोली में दो लोग मारे गए हैं। इनमें एक बुजुर्ग एवं एक नाबालिग शामिल है।

सूत्रों के अनुसार शुक्रवार रात से जारी हुए इस झगड़े में दोनों गुटों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। दोनों गुटों के लोगों ने जमकर उत्पात मचाया और कई दुकानों में आग भी लगा दी। हिंसा पर काबू पाने के लिए पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस की तैनाती कर धारा 144 लगा दी गई है। दंगाइयों को काबू में करने के लिए पुलिस वालों ने गोलियां भी चलाई। 

पुलिस कमिश्नर के अनुसार, दो लोगों के बीच शुरू हुए विवाद के बीच जब दोनों के समर्थक आ गए तो वहां मारपीट शुरू हो गई और देखते ही देखते झगड़े ने हिंसक रूप ले लिया। पुलिस मौके पर तो पहुंच गयी, लेकिन झगड़ा इतना बढ़ गया था कि वो कंट्रोल नही कर पायी। रात में मामला बढ़ गया और उसने हिंसक रूप ले लिया। डीसीपी (जोन-वन) विनायक ढाकने ने प्रभावित इलाके में भारी तादाद में पुलिसवालों की तैनाती कर आश्वासन दिया है कि उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री ने आम लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। तनाव की स्थिति पर काबू पाने के लिए फिलहाल पूरे इलाके में भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं।

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