अभी अभी: आम आदमी पार्टी को लगा सबसे बड़ा झटका, 20 MLA अयोग्य घोषित..

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई के तहत दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. इसे दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी के लिए भारी झटका माना जा रहा है. आयोग ने विधायकों की सदस्यता खत्म करने की सिफारिश राष्ट्रपति को भेज दी है. इसी के साथ दिल्ली की 20 सीटों पर उपचुनाव की नौबत आ गई है.

अभी अभी : आम आदमी पार्टी को लगा सबसे बड़ा झटका, 20 MLA अयोग्य घोषित..अभी अभी : आम आदमी पार्टी को लगा सबसे बड़ा झटका, 20 MLA अयोग्य घोषित.. मौजूदा खबर अनुसार बता दें कि चुनाव आयोग का फैसला आते ही बीजेपी ने कहा है कि केजरीवाल सरकार को बर्खास्त कर देनी चाहिए. इसी मामले में आम आदमी पार्टी 3 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली है. आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के लाभ का पद मामले में चुनाव आयोग पहले ही सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आप के 20 विधायक संसदीय सचिव हैं जो कि लाभ का पद है इसलिए इनकी याचिका चुनाव आयोग खारिज कर दी थी.

गौरतलब है कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने मार्च 2015 में 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था. इसे लाभ का पद बताते हुए प्रशांत पटेल नाम के वकील ने राष्ट्रपति के पास शिकायत की. पटेल ने इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी. हालांकि विधायक जनरैल सिंह के पिछले साल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इस मामले में फंसे विधायकों की संख्या 20 हो गई है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में आपत्ति जताई. केंद्र सरकार ने कहा था कि दिल्ली में सिर्फ एक संसदीय सचिव हो सकता है, जो मुख्यमंत्री के पास होगा. इन विधायकों को यह पद देने का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है.

बताते चलें कि संविधान के अनुच्‍छेद 102(1)(A) और 191(1)(A) के अनुसार संसद या फिर विधानसभा का कोई सदस्य अगर लाभ के किसी पद पर होता है तो उसकी सदस्यता रद्द हो सकती है. यह लाभ का पद केंद्र और राज्य किसी भी सरकार का हो सकता है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ये खबर किसी सदमे से कम नहीं है.

 

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