ईरान को लेकर बदले ट्रंप के सुर, कहा- बिना किसी शर्त के रूहानी से मिलने को हूं तैयार

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर अपना रूख नरम करते हुए कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नए समझौते की राह निकालने के लिए वह राष्ट्रपति हसन रूहानी से बिना किसी पूर्व शर्त के मुलाकात करने को तैयार हैं। ट्रंप ने मई में अमेरिका को 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लिया था।

इस समझौते पर ओबामा प्रशासन ने हस्ताक्षर किए थे जिसे ट्रंप अब तक का सबसे खराब समझौता बताते रहे हैं। गौरतलब है कि रूहानी पर निशाना साधते हुए ट्रंप ने एक हफ्ते पहले ट्वीट किया था,अमेरिका को फिर कभी मत धमकाना नहीं तो आपको ऐसे परिणाम भुगतने होंगे जिनके उदाहरण इतिहास में बिरले ही मिलते हैं।

हालांकि व्हाइट हाउस का कहना है कि अपने ईरानी समकक्ष से मिलने की ट्रंप की इच्छा का ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को और कड़ा करने की उनके प्रशासन की नीति पर कोई असर नहीं होगा। व्हाइट हाउस में इटली के प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंते के साथ संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि मैं मुलाकात में विश्वास रखता हूं, मैं निश्चित तौर पर ईरानी नेता से मिलूंगा।

अगर वह मिलना चाहें। रूहानी से मुलाकात करने के सवाल पर ट्रंप ने कहा कि मुझे नहीं पता की वह अभी तैयार हैं या नहीं, अभी वह मुश्किल समय का सामना कर रहे हैं। मैंने ईरान समझौता खत्म कर दिया, वह एक बकवास समझौता था। मेरा मानना है कि वह अंतत: मिलना चाहेंगे और मैं उनसे, उनके तय समय पर कभी भी मिलने को तैयार हूं।

ट्रंप ने कूटनीति के फायदे बताते हुए कह कि वह, किसी से भी मुलाकात कर सकते हैं। ट्रंप का कहना है कि वह मजबूती दिखाने या कमजोरी की वजह से रूहानी से मिलने को नहीं कह रहे हैं। बल्कि ईरानी नेता से मिलना सही कदम होगा, इसलिए ऐसा कह रहे हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह बिना किसी पूर्व शर्त के उनसे मुलाकात करेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि कोई पूर्व शर्त नहीं रखी जाएगी। अगर वह मुलाकात करना चाहते हैं, मैं कभी भी उनसे मुलाकात करने को तैयार हूं। यह देश के लिए अच्छा है, उनके लिए अच्छा है, हमारे लिए अच्छा है और पूरी दुनिया के लिए अच्छा है। बिना किसी पूर्व शर्त, अगर वे मिलना चाहते हैं तो मैं मिलूंगा। ट्रंप और कोंते के बीच ईरान के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।

ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री और मेरे बीच सहमति बनी कि ईरान के इस बर्बर शासन को परमाणु हथियार रखने की अनुमति कभी नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी राष्ट्रों को ईरान पर उसकी सभी हानिकारिक गतिविधियों को बंद करने का दबाव बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। अमेरिका इन महत्त्वपूर्ण प्रयासों में इटली की साझेदारी का स्वागत करता है।

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