2018 बजट में मेडिकल कॉलेज, एड्स, NHRM के लिए आवंटन राशि में की कटौती

वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बजट भाषण में मोदीकेयर जैसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा की घोषणा के साथ यह लगने लगा था कि केंद्र सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति काफी गंभीर हो गई है, लेकिन हकीकत इसके काफी उलट है। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए स्वास्थय सेवाओं को मिलने वाली आवंटन राशि में काफी कटौती की है। 2018 बजट में मेडिकल कॉलेज, एड्स, NHRM के लिए आवंट2018 बजट में मेडिकल कॉलेज, एड्स, NHRM के लिए आवंटन राशि में की कटौतीन राशि में की कटौती

नए मेडिकल कॉलेज खोलने पर पड़ी सबसे ज्यादा मार
जेटली ने सबसे ज्यादा मार नए मेडिकल कॉलेज खोलने और पहले से मौजूद जिला अस्पतालों को अपग्रेड करने की धनराशि पर मार मारी है। जहां जेटली ने एक तरफ 24 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी, वहीं आवंटन राशि में 12.5 फीसदी की कटौती कर दी है.

मौजूदा वित्त वर्ष में जहां इसके लिए 3300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, वहीं अगले साल के लिए यह राशि मात्र 2888 करोड़ रुपये रह गई है। 

एचआईवी-एड्स रोकने की राशि में भी कटौती

केंद्र सरकार देश भर में एचआईवी-एड्स जैसी बीमारी को रोकने के लिए काफी प्रतिबद्ध है और इसके लिए काफी गंभीर प्रयास कर रही है, लेकिन यह बात केवल कागजों में सीमित है। इस बार के बजट में एड्स रोकने की राशि में 3 फीसदी की कटौती कर दी गई है। जहां पहले इसके लिए 2163 करोड़ रुपये आवंटित थे, वहीं इस बार यह राशि घटकर 2100 करोड़ रुपये रह गई है। 

एम्स खोलने की राशि में भी कटौती
देश भर में एम्स जैसे संस्थान खोलने के लिए भी बजट में इस बार 4 फीसदी की कटौती की गई है। पहले जहां इसके लिए 3975 करोड़ रुपये आवंटित थे, वहीं इस बार के बजट में इसके लिए 3825 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बजट में भी कटौती
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बजट में भी 2.1 फीसदी की कटौती कर दी है। जहां पहले इसके लिए 31292 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित थी, वहीं इस बार इसको घटाकर के 30634 करोड़ रुपये कर दिया गया है। 

 
 
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