RBI ने कहा- आने वाले समय में और बढ़ेगा एनपीए

अपनी फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट (एफएसआर) में आरबीआई ने कहा कि बैकिंग क्षेत्र में संकट बरकरार रह सकता है, क्योंकि सकल एनपीए (जीएनपीए) अनुपात में और बढ़ोतरी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्रो-स्ट्रेस टेस्ट यह संकेत देता है कि मौजूदा वृहद आर्थिक आउटलुक के बेसलाइन परिदृश्य के तहत एससीबी (अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक) जीएनपीए अनुपात मार्च 2018 के 11.6 फीसदी से बढ़कर मार्च 2019 तक 12.2 फीसदी पर पहुंच सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों के खिलाफ त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) की ओर इशारा करते हुए आरबीआई ने कहा कि उनके जीएनपीए की हालत और बद्तर हो सकती है और यह मार्च 2018 के 21 फीसदी से बढ़कर इस वित्त वर्ष के अंत तक 22.3 फीसदी पर पहुंच सकती है। RBI ने कहा- आने वाले समय में और बढ़ेगा एनपीए

इन 11 बैंकों में से छह बैंकों में नौ फीसदी की आवश्यक न्यूनतम सीआरएआर से संबंधित पूंजी की कमी हो सकती है। फंसे कर्ज के कारण पीसीए कार्रवाई का सामना करने वाले 11 बैंकों में आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, देना बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक तथा इलाहाबाद बैंक शामिल हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सभी वाणिज्यिक बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट आई है, जो आंशिक तौर पर बढ़ी प्रोविजनिंग को दर्शाता है। हालांकि उसने यह कहा है कि सुस्त जमा वृद्धि के बावजूद वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान कर्ज वृद्धि में तेजी आई है। 

सरकारी बैंकों को 2020 तक निगरानी सूची से बाहर निकलने की उम्मीद
नई दिल्ली। भारी मात्रा में फंसे कर्ज के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की निगरानी सूची में शामिल सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों ने एक संसदीय समिति के समक्ष मंगलवार को उम्मीद जताई है कि वे साल 2020 तक आरबीआई की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) से बाहर निकल जाएंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। कांग्रेस के दिग्गज नेता एम. वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली वित्तीय मामलों की संसद की स्थायी समिति की बैठक के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्ज देने में आए ठहराव को लेकर चिंता का मुद्दा भी उठा।

सूत्रों ने कहा कि पीसीए का सामना कर रहे 11 बैंकों के शीर्ष अधिकारियों ने समिति के समक्ष प्रजेंटेशन और सवालों के जवाब दिए। बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि पीसीए का सामना कर रहे बैंकों ने अपने एनपीए से निपटने के लिए रोडमैप को लेकर बातचीत की और साल 2020 तक आरबीआई के पीसीए से बाहर निकल जाने की उम्मीद जताई। एजेंसी 

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