राफेल सौदा: राहुल गांधी ने दसॉल्ट ममाले पर दिया कुछ ऐसा बयान…

राफेल डील पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगातार सरकार की आलोचना कर रही है। कांग्रेस इसे मोदी सरकार का 50 हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार बताते हुए कई मौकों पर जांच कराने की मांग कर रही है। इसी बीच दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने इस सौदे पर इंटरव्यू दिया है। जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के बयानों का खंडन करते हुए कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के बयान से निराश हैं।राफेल सौदा: राहुल गांधी ने दसॉल्ट ममाले पर दिया कुछ ऐसा बयान...

ट्रैपियर ने कहा है कि रिलायंस को चुनने का निर्णय उनका था और वह कंपनी में निवेश नहीं कर रहे हैं। सीईओ के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि घोटाले को दबाया नहीं जा सकता। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दसॉल्ट के सीईओ के बयान पर काफी सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे निर्मित झूठ और गढ़ा हुआ इंटरव्यू करार दिया है।

सुरजेवाला ने कहा, ‘कानून का पहला नियम होता है कि समान लाभार्थियों और सह आरोपियों के बयानों का कोई मूल्य नहीं होता है। दूसरा नियम है कि लाभार्थियों और आरोपी अपने मामलों को खुद जज नहीं कर सकते हैं। सच्चाई किसी भी तरीके से सामने आ जाती है।’ एरिक ने अपने इंटरव्यू में कहा है कि उनका कांग्रेस पार्टी के साथ काम करने का अनुभव बहुत लंबा है। सबसे पहले 1953 में पंडित नेहरू के साथ काम किया था।

सुरजेवाला के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी राफेल को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने कांट्रैक्ट बदलकर पैसे अंबानी की जेब में डाले हैं। अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट में मोदीजी ने मानी अपनी चोरी। हलफनामे में माना कि उन्होंने बिना वायुसेना से पूछे कांट्रैक्ट बदला और 30,000 करोड़ रूपये अंबानी की जेब में डाला। पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त।

बता दें कि शनिवार को राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान राफेल पर मोदी सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा था कि इस लड़ाकू विमान की कीमत सब जानते हैं लेकिन सरकार इसे राष्ट्रीय गोपनीयता का विषय कह रही है और इस बारे में उच्चतम न्यायालय को भी नहीं बता रही है। गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया।

राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘प्रधानमंत्री जानते हैं, अनिल अंबानी जानते हैं, फ्रांस्वा ओलांद जानते हैं और एमैनुएल मैक्रों भी जानते हैं। हर पत्रकार जनता है। रक्षा मंत्रालय के बाबू जानते हैं। पूरा दसॉल्ट जानता है। दसॉल्ट के सभी प्रतिस्पर्धी जानते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन राफेल की कीमत राष्ट्रीय गोपनीयता है जिसका खुलासा उच्चतम न्यायालय में भी नहीं हो सकता।’ गांधी ने जो खबर शेयर की है उसके मुताबिक वायुसेना को मिल रहे 36 राफेल विमानों की कीमत पहले की प्रस्तावित कीमत से 40 फीसद अधिक है।

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